
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा 2025 के दौरान श्रद्धालुओं को शुद्ध व सुरक्षित भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सख्त निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में जारी इस आदेश के तहत अब कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी खाद्य दुकानों, पंडालों और भंडारों को दुकानदार का नाम, पहचान पत्र और वैध लाइसेंस अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करना होगा। सरकार ने स्पष्ट किया है कि निर्देशों का पालन न करने पर खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत दो लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
खाद्य सुरक्षा पर सख्त अभियान
स्वास्थ्य सचिव और आयुक्त एफडीए डॉ. आर. राजेश कुमार ने देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, पौड़ी और उत्तरकाशी जिलों में खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी रोकने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। यात्रा मार्ग पर सभी खाद्य विक्रेताओं को अपने पंजीकरण प्रमाणपत्र और फोटो पहचान पत्र दुकानों पर प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। ठेले-फड़ वाले भी इस नियम के दायरे में आएंगे।
बिना लाइसेंस कारोबार करने पर कानूनी कार्रवाई
अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि बिना लाइसेंस खाद्य व्यवसाय करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सरकार इस बार कांवड़ यात्रा में किसी भी स्तर पर खाद्य गुणवत्ता से समझौता नहीं करेगी।
जन जागरूकता और शिकायत प्रणाली
सरकार की ओर से आईईसी (सूचना, शिक्षा एवं संचार) माध्यमों के जरिए दुकानदारों और आम जनता को खाद्य नियमों, उपभोक्ता अधिकारों और शुद्ध भोजन की पहचान के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए बैनर, पोस्टर, पर्चे और सोशल मीडिया का उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही खाद्य सामग्री की गुणवत्ता को लेकर किसी भी प्रकार की शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर 18001804246 जारी किया गया है। किसी भी शिकायत पर प्रशासनिक टीमें तुरंत मौके पर जाकर आवश्यक कार्रवाई करेंगी।
सख्ती का उद्देश्य: सुरक्षित और पवित्र यात्रा
प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं को न केवल पवित्र वातावरण मिले, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी सुरक्षित भोजन उपलब्ध हो। इसीलिए खाद्य कारोबारियों के लिए यह नियम तत्काल प्रभाव से लागू किए गए हैं।