
देहरादून | उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने बकाया बिजली बिलों की वसूली को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए हर तीन माह में प्री-ऑडिट कराने के आदेश जारी किए हैं। इसके लिए नोडल व सह-नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई है। अब हर 15 दिन में वसूली की प्रगति रिपोर्ट निदेशक (परिचालन) को भेजी जाएगी।
यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, निदेशकों की समिति की बैठक में वाणिज्यिक पुस्तिका, बिलिंग सिस्टम और लेखा गड़बड़ियों पर गंभीर चिंता जताई गई। साथ ही लंबे समय से लंबित बिजली बिलों को लेकर भी सख्त कदम उठाने पर सहमति बनी।
प्रमुख निर्णय व निर्देश:
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प्री-ऑडिट की जिम्मेदारी:
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नोडल अधिकारी: प्रत्येक विद्युत वितरण मंडल के अधीक्षण अभियंता
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सह-नोडल अधिकारी: मंडल कार्यालय में तैनात लेखा अधिकारी और सहायक लेखा अधिकारी
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ऑडिट सहयोग: खंड स्तर के लेखाकार राजस्व
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दायित्व व प्रक्रिया:
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तीन माह में खंडवार लंबित बिलों का प्री-ऑडिट पूरा करना अनिवार्य होगा।
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अधिशासी अभियंता यह सुनिश्चित करेंगे कि ऑडिट के लिए सभी आवश्यक अभिलेख उपलब्ध कराए जाएं।
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प्री-ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर नियामक आयोग के नियमों के अनुपालन की जिम्मेदारी अधिशासी अभियंता पर होगी।
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हर 15 दिन में बकाया वसूली व प्री-ऑडिट की रिपोर्ट निदेशक परिचालन को भेजी जाएगी।
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नोडल अधिकारी प्रगति रिपोर्ट का संकलन कर उसका निस्तारण ऑडिट एजेंसी के अनुसार कराएंगे।
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यह कदम यूपीसीएल में वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाने और लंबित राजस्व की कुशल वसूली को सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।