
उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के कोल्हुई थाना क्षेत्र के एक गांव से निकली एक युवती ने देशभर में शादी के ऐप के माध्यम से ठगी का एक अनोखा और बड़ा जाल बिछा रखा था। यह युवती अपने पति के साथ मिलकर एक संगठित गिरोह चला रही थी, जिसने मात्र सात महीने में 25 शादियां करके भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बनाया। राजस्थान पुलिस ने इस शातिर ‘साइबर दुल्हन’ को मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया है, हालांकि महराजगंज पुलिस को अभी तक इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं है। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है, और युवती के कारनामे सुनकर हर कोई दंग है।
कोल्हुई क्षेत्र के एक गांव की इस युवती की शादी वर्ष 2018 में नौतनवा क्षेत्र के एक युवक से हुई थी। चूंकि दोनों के बीच पहले से ही रिश्तेदारी थी, उन्होंने घर से भागकर प्रेम विवाह किया था। कुछ समय तक वे गांव में रहे, लेकिन एक साल बाद युवती के आचरण से परेशान होकर ससुराल वालों ने बेटे को उससे अलग कर दिया। इसके बाद यह दंपति गांव के पास ही एक खाली पड़े मकान में रहने लगा। स्थानीय लोगों के अनुसार, वर्ष 2021 में ये दोनों अपनी छह साल की बेटी को छोड़कर, अपने बेटे को साथ लेकर बिना किसी को बताए कहीं चले गए थे।
घर छोड़ने के बाद, चर्चाओं के अनुसार, इस दंपति ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को अपना नया ठिकाना बनाया। यहीं पर युवती ने एक शातिर गिरोह तैयार किया, जिसमें कथित तौर पर छह लोग शामिल थे। इस गिरोह का modus operandi (काम करने का तरीका) बेहद चालाकी भरा था। ये लोग शादियों के लिए चलने वाले ऑनलाइन ऐप का इस्तेमाल करते थे और अविवाहित लड़कों को अपने जाल में फंसाते थे। वे उन्हें शादी का झांसा देते, धूमधाम से शादी करते, और फिर दो-चार दिन बीतने के बाद उनके घर से जेवरात, नकदी और अन्य कीमती सामान लेकर फरार हो जाते थे। बताया जा रहा है कि युवती ने इस तरह से सात महीने के छोटे से अंतराल में 25 शादियां कीं, जो उसकी ठगी के स्तर को दर्शाता है।
इस गिरोह का पर्दाफाश तब हुआ जब राजस्थान पुलिस ने एक विशेष योजना बनाई। बीते 3 मई को राजस्थान के मान टाउन में रहने वाले विष्णु शर्मा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शर्मा ने बताया कि खंडवा में रहने वाले उसके एक परिचित ने उसे मनपसंद लड़की से शादी करवाने का झांसा दिया था। इसके बाद भोपाल में रहने वाली एक युवती की फोटो दिखाई गई। सवाई माधोपुर कोर्ट में एक फर्जी एग्रीमेंट के जरिए उसकी शादी कराई गई और उससे दो लाख रुपये भी ले लिए गए। लेकिन, शादी के तीन दिन बाद ही युवती घर से कैश, जेवर और मोबाइल लेकर फरार हो गई।
इस शिकायत के बाद राजस्थान पुलिस हरकत में आई और गिरोह को पकड़ने की योजना बनाई। पुलिस ने अपने ही एक सिपाही को ‘ग्राहक’ बनाकर युवती से शादी करने के लिए भेजा। उधर, पुलिस टीम ने भोपाल में स्थानीय मुखबिरों की मदद से इस फर्जी शादी गैंग से संपर्क साधा। एजेंट द्वारा दिखाई गई तस्वीरों में फरार युवती की पहचान हुई, और भोपाल में दबिश देकर उसे दबोच लिया गया। यह घटना उन लोगों के लिए एक बड़ी चेतावनी है जो ऑनलाइन माध्यमों से जीवनसाथी की तलाश कर रहे हैं। पुलिस अब इस पूरे गिरोह की गहराई से जांच कर रही है ताकि इसके अन्य सदस्यों को भी पकड़ा जा सके और ऐसे मामलों में ठगी का शिकार हुए अन्य पीड़ितों को भी न्याय मिल सके।