
उत्तर प्रदेश के उन्नाव से एक दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया है जिसने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया है। आदर्श नगर निवासी एक पिता राजन तिवारी अपनी लापता बेटी की गुहार लगाते-लगाते थाने की जमीन पर घुटनों के बल बैठ गया। वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे एक असहाय पिता, जिसकी बेटी 5 दिन से लापता है, थाने में पुलिस के सामने जमीन पर बैठकर दहाड़ें मार-मारकर रो रहा है और मदद की भीख मांग रहा है।
वायरल वीडियो में राजन तिवारी नामक शख्स सदर कोतवाली की जमीन पर बैठे हुए नजर आ रहे हैं। उनके चेहरे की बेबसी, टूटे हुए शब्द और आंखों से बहते आंसू बता रहे हैं कि वह किन हालातों से गुजर रहे हैं। वे फोन पर किसी अधिकारी से बात करते हुए कहते हैं, “साहब मेरी बेटी पांच दिन से लापता है, लेकिन आपकी पुलिस सिर्फ झूठे आश्वासन दे रही है। हमारी बच्ची को तलाशने के बजाय हमें ही थाने का चक्कर लगवाया जा रहा है।”
पीड़ित पिता का यह दर्दनाक वीडियो न सिर्फ सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, बल्कि प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर रहा है। राजन तिवारी वीडियो में साफ कह रहे हैं, “आप आ जाइए साहब, या कहिए तो हम आपके आवास पर आ जाते हैं। जब तक आप नहीं आते, हम कहीं नहीं जाएंगे, यहीं बैठकर मर जाएंगे…।” घटना उन्नाव की सदर कोतवाली की है। पीड़ित की बेटी करीब 15 से 16 साल की है, जो बीते पांच दिनों से लापता है। पिता का आरोप है कि पुलिस में FIR के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। सिर्फ ‘जांच कर रहे हैं’, ‘टीम लगी है’ जैसे डायलॉग सुनाए जा रहे हैं।
राजन तिवारी के मुताबिक उन्होंने अपनी बेटी की गुमशुदगी की सूचना कई बार थाने में दी। लेकिन न तो उनकी सुनवाई हुई और न ही कोई ठोस कदम उठाया गया। उन्हें हर बार झूठे वादे देकर वापस भेज दिया गया। उधर मीडिया से बातचीत में अपर पुलिस अधीक्षक (ASP) अखिलेश सिंह ने कहा कि “एक 15-16 वर्षीय नाबालिग लड़की लापता है, हमारी टीम उसकी तलाश में जुटी हुई है। जल्द ही वह मिल जाएगी।” लेकिन वीडियो देखकर लोग पुलिस की इन बातों पर भरोसा नहीं कर पा रहे।
इस पूरे मामले ने एक बार फिर यूपी पुलिस की संवेदनहीनता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोग पूछ रहे हैं कि क्या अब न्याय पाने के लिए थाने में रोना पड़ेगा? क्या हमारी बेटियों की सुरक्षा सिर्फ फाइलों और आश्वासनों तक सीमित रह गई है? इस मामले ने जनभावनाओं को झकझोर कर रख दिया है। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी प्रशासन से सवाल पूछा है – “अगर एक पिता थाने में यूं बिलखता है और कोई एक्शन नहीं होता, तो पुलिस किसके लिए है?”