जौनपुर। बंगलूरू में सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष और उसकी पत्नी निकिता के बीच पहली बार झगड़ा नॉनवेज खाने को लेकर हुआ था। जुलाई 2024 में परिवार न्यायालय में दर्ज बयान में अतुल ने कहा था कि वह और उसका परिवार शाकाहारी है। निकिता मांसाहारी है। निकिता नॉनवेज खाकर हड्डी कमरे में फेंक देती थी। एक-एक सप्ताह तक नहाती नहीं थी। इस बात पर उसका और निकिता का झगड़ा होता था। एक बार मेरी मां ने बीच-बचाव की कोशिश की तो निकिता ने उन्हें धक्का दे दिया। उनके और मेरे साथ मारपीट की।
बयान में अतुल ने कहा था, शादी के पहले निकिता दिल्ली में काम करती थी। शादी के बाद निकिता ने अपना ट्रांसफर बंगलूरू करा लिया। बंगलूरू जाने तक दोनों के बीच संबंध अच्छे थे। लेकिन, नॉनवेज खाने को लेकर विवाद धीरे-धीरे बढ़ता गया। उसकी मां और भाई मुझसे और पैसे की मांग कर रहे थे। विवाद को लेकर निकिता के खिलाफ 2021 में ही एनसीआर दर्ज कराई थी।
अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले में आरोपी निकिता की मां निशा सिंघानिया और अनुराग सिंघानिया ढालगर स्थित घर छोड़कर पिछले 48 घंटे से फरार हैं। इस मामले में आरोपी निकिता के ताऊ सुशील सिंघानिया भी अपने घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। बृहस्पतिवार को जौनपुर पहुंची बंगलुरू पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने की चर्चा रही, लेकिन पुलिस द्वारा ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष मोदी आत्महत्या प्रकरण की जांच के लिए जौनपुर पहुंची कर्नाटक पुलिस ने शुक्रवार को सबसे पहले डाक बंगला स्थित निकिता के ताऊ के आवास पर नोटिस चस्पा किया। इसके बाद ढालगर टोला स्थित निकिता के आवास पर नोटिस चस्पा किया। इसमें अगले तीन दिन में सभी को उपस्थित होने के लिए कहा गया है। कर्नाटक पुलिस की टीम दीवानी न्यायालय भी पहुंची और अतुल सुभाष से संबंधित मुकदमों के नकल की कॉपी साथ ले गई।
अतुल सुभाष के भाई विकास ने बंगलूरू के मराठाहल्ली थाने में सोमवार को निकिता, उसकी मां निशा सिंघानिया, भाई अनुराग उर्फ गोलू सिंघानिया व ताऊ सुशील सिंघानिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले की जांच के लिए कर्नाटक पुलिस की चार सदस्यीय टीम बृहस्पतिवार की शाम करीब 7 बजे जौनपुर पहुंची थी। शहर कोतवाली थाने में सीओ सिटी आयुष श्रीवास्तव के साथ करीब दो घंटे तक विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की थी।
आत्महत्या करने वाले इंजीनियर अतुल सुभाष पर फैमिली कोर्ट में भरण पोषण, दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और तलाक के चार मामले चल रहे थे। इसके लिए वह हर तारीख पर बंगलूरू से जौनपुर आते थे। दूसरी तरफ, अदालत के आदेश पर अतुल सुभाष हर महीने बेटे के भरण पोषण के लिए 40 हजार रुपये दे रहे थे। यह स्थिति तब थी, जब अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया की मासिक सैलरी 78 हजार रुपये है। इंजीनियर अतुल सुभाष ने बंगलुरू में आत्महत्या की। उन्होंने 23 पेज का सुसाइड नोट भी लिखा है।
अतुल ने आत्महत्या से पहले एक घंटे से ज्यादा समय वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा किया। उन्होंने पत्नी निकिता सिंघानिया, सास, साले और उनके मामले की सुनवाई कर रही जज पर भी गंभीर आरोप लगाए। वीडियो संदेश के जरिये बताया कि जौनपुर की फैमिली कोर्ट में पत्नी सदर कोतवाली के मोहल्ला रुहट्टा निवासी निकिता सिंघानिया ने चार मुकदमे दर्ज कराए थे। आरोप लगाया था कि 26 जून 2019 को उसकी शादी अतुल मोदी से हुई थी।
विवाह के बाद से ही ससुराल के लोग 10 लाख रुपये दहेज की मांग को लेकर उसे प्रताड़ित करते थे। इस सदमे में उसके पिता (निकिता के) की मृत्यु हो गई। परिवार वालों के समझाने पर अतुल उसे बंगलूरू ले गया और 20 फरवरी 2020 को उसे एक बेटा हुआ। इसके बावजूद प्रताड़ना जारी रही। 17 मई 2021 को उसे पीटकर घर से निकाल दिया गया। तब से वह अपने बच्चे के साथ मायके में रह रही है।
निकिता ने अदालत को बताया कि अतुल मोदी बंगलूरू में एक कंपनी में इंजीनियर है। वह सालाना 40 लाख रुपये वेतन पाता है। निकिता ने 16 जनवरी 2022 को अपने और बेटे के लिए दो लाख रुपये प्रतिमाह भरण पोषण की मांग करते हुए फैमिली कोर्ट में मामला दर्ज कराया था, जबकि निकिता की ही सैलरी अच्छी खासी है। कोर्ट ने 29 जुलाई 2024 को पत्नी के संबंध में भरण पोषण का प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया। साथ ही अतुल को आदेश दिया था कि वो बेटे के भरण पोषण के लिए हर महीने 40 हजार रुपये दे। दहेज उत्पीड़न के मुकदमे में भी अतुल सुभाष मोदी ने कोर्ट में हाजिर होकर जमानत कराई थी। घरेलू हिंसा का मुकदमा अभी चल रहा था। मामले की सुनवाई 12 दिसंबर को होनी थी।