उत्तराखंड में मौसम ने अचानक मिजाज बदला और चारों धामों के साथ हर्षिल घाटी में सीजन की पहली बर्फबारी शुरू हो गई। इस बर्फबारी से न केवल पहाड़ों की ऊंची चोटियों पर सफेद चादर बिछ गई, बल्कि निचले इलाकों में भी बारिश और तापमान में गिरावट ने ठंड का असर और बढ़ा दिया। चकराता में भी इस सीजन की पहली बर्फबारी देखने को मिली, जिससे इलाके के किसान और व्यापारी उत्साहित हो गए।
पहाड़ों में बर्फबारी के साथ ही शीतलहर का प्रकोप भी बढ़ गया है, जिससे प्रदेशवासियों को कड़ाके की सर्दी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने इस स्थिति में अलाव की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, निचले इलाकों में बारिश के कारण रबी फसल के लिए पानी की उम्मीद जगी है, जिसे किसान बेसब्री से देख रहे हैं।
केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हर्षिल घाटी के साथ-साथ देहरादून जिले के जौनसार बावर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी बर्फबारी हुई। चकराता के लोखंडी में स्थानीय लोग इस मौसम के बदलाव का स्वागत करते हुए खुश नजर आए। मौसम में बदलाव के कारण केदारनाथ धाम का तापमान माइनस में चला गया, जो दर्शाता है कि सीजन की बर्फबारी का असर अब पूरी तरह से महसूस होने लगा है। सीज़न की ये बर्फबारी पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए एक आकर्षण बन गई है, साथ ही प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में कड़ाके की सर्दी ने ठंड को और बढ़ा दिया है।