महाकुंभ मेले का आयोजन 12 साल में एक बार किया जाता है। महाकुंभ एक महीने के लिए लगता है, जिसकी तैयारियां और सुरक्षा के इंतजाम महीनों पहले से कर लिए जाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस मेले का हिस्सा बनने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। तो वहीं लोग यहां पर परिवार के सदस्यों के साथ भी आते हैं। अक्सर ऐसा सुनने को मिलता है कि मेले में बच्चे ज्यादा खोते हैं। इसलिए जरूरी है कि बच्चों को महाकुंभ घुमाने के साथ-साथ आप उनकी सुरक्षा का भी ध्यान रखें। इससे आप और आपका परिवार महाकुंभ मेले का अच्छे से आनंद ले पाएंगे। ऐसे में अगर आप भी महाकुंभ मेले में परिवार और बच्चों के साथ आ रहे हैं, तो हम इस आर्टिकल के जरिए आपको बताने जा रहे हैं कि आपको इस दौरान किन-किन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए।
बता दें कि महाकुंभ मेले में अधिक भीड़ है और धक्का-मुक्की में कोई खो सकता है। इसलिए आपको अपने बच्चे के गले या फिर हाथ में पहचान वाली पट्टी जरूर डालें। इसके लिए आप किसी डार्क कपड़े का भी यूज कर सकते हैं। इसका एक हिस्सा बच्चे के हाथ या गले में डाल दें और दूसरा हिस्सा अपने पास रखें। इसके अलावा आप बच्चों के पॉकेट में पेरेंट्स का फोन नंबर की पर्ची जरूर डाल दें। इससे बच्चा आपको आसानी से मिल जाएगा और पुलिस भी आपको आसानी से खोज पाएगी। साथ ही ऐसा करने से आपको महाकुंभ की यात्रा में कोई दिक्कत भी नहीं आएगी।
अगर आपका बच्चा 10-12 साल का है, तो आपको इन्हें सुरक्षा के नियमों के बारे में जरूर बताना चाहिए। जिससे कि अगर कुंभ मेले में बच्चे का हाथ आपसे छूट जाए, तो वह नियमों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षाकर्मी के पास जा सकें। बता दें कि पोल पर कुछ नंबर लिखे जाते हैं, उनका भी ध्यान रख सकते हैं। इससे आपको यात्रा में किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी और भीड़ में खोने वाला बच्चा भी आसानी से आपको मिल जाएगा।
अगर आपका बच्चा छोटा है और आप महाकुंभ मेला घूमने जा रहे हैं। तो बच्चे को कंधे पर बैठाकर मेले का आनंद दिलाएं। क्योंकि अधिक भीड़ होने की वजह बच्चा नीचे कुछ देख नहीं पाएगा और उसका सारा समय परेशान होने या रोने में निकल जाएगा। साथ ही बच्चे के परेशान होने पर आप भी परेशान होंगे। वहीं जब आप बच्चे को कंधे पर बिठा लेंगे, तो आप भी अच्छे से घूम पाएंगे और बच्चा भी अच्छे से मेला देख पाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से इस बार के महाकुंभ मेले के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखा गया है। इससे सुरक्षा में किसी तरह की कोई ढील नहीं होगी और समय पर सारे कार्य होते रहेंगे। लोगों को मेले में घूमने में किसी तरह की कोई दिक्कत न हो, इस बात का भी खास ख्याल रखा जाएगा।