रुड़की। एक ही समय में दो-दो डिग्री हासिल करने वाले एवं नौकरी के साथ-साथ नियमित पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले छात्रों व संबंधित संस्थानों पर उत्तराखंड तकनीकी विवि ने शिकंजा कस दिया है। संस्थानों से विवि ने 12 दिसंबर तक छात्रों की सूची के साथ ही शपथपत्र मांगे हैं। यही नहीं बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने एवं सीसीटीवी रिकॉर्डिंग को संरक्षित रखे जाने को कहा है।
उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय को इस बात की शिकायतें मिल रही हैं कि कई प्राइवेट तकनीकी संस्थानों की ओर से ऐसे छात्रों के प्रवेश लिए जा रहे हैं, जो एक ही समय में समानांतर रूप में किसी दूसरे संस्थान से भी डिग्री लेने के लिए प्रवेश ले चुके हैं। यही नहीं ऐसे छात्रों को भी प्रवेश दिया जा रहा है कि जो प्राइवेट कंपनियों में नौकरी कर रहे हैं। उन्हें नियमित कक्षाओं के संचालन वाले कोर्स में प्रवेश दिया जा रहा है।
ऐसी स्थिति में स्पष्ट है कि संस्थान बिना उपस्थिति के ही सुविधा शुल्क लेकर छात्रों को एग्जाम दिला रहे हैं लेकिन अब विवि ने इस तरह के मामलोें पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। विवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ. वीके पटेल की ओर से विवि से संबद्ध सभी संस्थानों के निदेशक व प्राचार्यों को पत्र भेजकर सभी छात्रों के शपथपत्र मांगे गए हैं।
विगत तीन दिसंबर को जारी पत्र में 12 दिसंबर तक सभी छात्रों के शपथपत्र जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं। कक्षाओं में उपस्थिति में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए कक्षाओं की गतिविधियों की सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग न्यूनतम एक वर्ष और विवाद की स्थिति में उसके समाप्त होने तक सुरक्षित रखने जाने व बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने के निर्देश दिए। अनुपालन नहीं होने पर परीक्षाफल रोके जाने की चेतावनी दी है। विवि कुलपति डॉ. ओंकार सिंह ने बताया कि सभी संस्थानों को 12 दिसंबर तक निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए कहा गया है।
विवि की ओर से लॉ कॉलेजों को भी पत्र जारी किया गया है। इसमें बार काउंसिल ऑफ इंडिया के 24 सितंबर के पत्र का हवाला दिया गया है। इसमें बायोमीट्रिक उपस्थिति, सीसीटीवी कैमरे लगाने व दो-दो जगह प्रवेश नहीं लेने और नौकरी करते हुए पढ़ाई नहीं करने के संबंध में छात्रों के शपथ पत्र लेने व उन्हें सूची में संकलित कर 12 दिसंबर तक विवि को जमा कराने के निर्देश दिए हैं।