चंडीगढ़। पंजाब के जालंधर में शिक्षा विभाग में कार्यरत रहते हुए एक शिक्षक और क्लर्क ने 36 लाख रुपये का वेतन घोटाला किया था। आरोपियों को विजिलेंस ब्यूरो ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी चार साल से गिरफ्तारी से बच रहे थे। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने अपने निजी हितों के लिए 36,67,601 रुपये के वेतनों में हेराफेरी करने में शामिल दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी चार साल से अपनी गिरफ्तारी से बच रहे थे।
आरोपियों की पहचान सरकारी हाई स्कूल तलवंडी माधो, जिला जालंधर में तैनात रहे सेवानिवृत्त मुख्य शिक्षक गुरमेल सिंह और अब नौकरी से बर्खास्त क्लर्क सुखविंदर सिंह के रूप में हुई है। यह मामला तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी जालंधर द्वारा दी गई शिकायत की जांच के पश्चात दर्ज किया गया है। जांच के दौरान पता चला कि दोनों आरोपियों ने मिलीभगत करके 2015 से 2017 तक के वेतनों में घपला किया और अपने चार रिश्तेदारों को स्कूल में अध्यापक के रूप में कार्यरत दिखाते हुए उनके खातों में 35,81,429 रुपये मासिक वेतन के रूप में जमा करवाए।
इसके अलावा आरोपी क्लर्क सुखविंदर सिंह ने 2013 से 2015 तक जिला जालंधर के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल निहालूवाल के तत्कालीन ड्राइंग एंड डिस्बर्सिंग अधिकारी सतपाल सिंह के जाली हस्ताक्षरों से 86,172 रुपये भी जमा करवाए थे। विजिलेंस के अनुसार दोनों गिरफ्तार किए गए आरोपियों को कल अदालत में पेश किया जाएगा और बाकी आरोपियों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने अपने निजी हितों के लिए 36,67,601 रुपये के वेतनों में हेराफेरी करने में शामिल दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।