गुना। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने प्रदेश में गहराए खाद संकट के लिए भाजपा की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। दिग्विजय के मुताबिक भाजपा ने सहकारी आंदोलन को तबाह कर दिया है, जिसके कारण खाद का संकट उत्पन्न हो रहा है। उन्होंने प्रदेशभर में डीएपी की कालाबाजारी और राजनीतिकरण का भी आरोप लगाया है। दिग्विजय सिंह शनिवार को गुना जिले में डीएपी संकट का जायजा लेने पहुंचे थे।
उन्होंने एक पत्रकार वार्ता में खाद संकट के कारणों पर अपनी बात रखी। दिग्विजय के अनुसार, 2003 तक उनकी सरकार के दौरान कभी किसानों को लाठियों के बीच खाद नहीं लेना पड़ा, क्योंकि सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को दो महीने पहले ही खाद उपलब्ध करा दी जाती थी। वर्तमान वितरण व्यवस्था गलत है और खाद वितरण के दौरान कालाबाजारी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
डीएपी संकट के लिए प्रदेश सरकार द्वारा यूक्रेन-रूस युद्ध संकट को कारण बताने पर दिग्विजय ने चुटकी ली और कहा कि भाजपा का काम ही बहाने बनाना है। दिग्विजय ने खाद संकट के समाधान के रूप में प्रदेश सरकार से मांग की कि सोसायटी के माध्यम से ही खाद उपलब्ध कराया जाए। जिन किसानों पर कोई बकाया नहीं है, उनकी राशि का भुगतान बैंक खातों के माध्यम से ही करने की व्यवस्था कराई जाए।
दिग्विजय ने आरोप लगाया कि 25 प्रतिशत व्यापारियों को बेचने के लिए उपलब्ध कराई जा रही खाद पर निर्माता कंपनियां अपने अन्य उत्पाद बेचने का दबाव बना रही हैं। इसी कारण 1350 रुपए में मिलने वाले डीएपी के कट्टे के साथ किसानों को 1900 रुपए तक का सामान लेने पर मजबूर होना पड़ रहा है। इस दबाव में सरकार की भूमिका भी शामिल है।