बाजपुर। काशीपुर अनाथालय में अपने दो छोटे भाइयों के साथ पढ़ रहे विवेक को मौत उसे कलयुगी पिता के पास खींच लाई। सुल्तानपुर पट्टी निवासी प्रेम शंकर की पत्नी लक्ष्मी देवी उसे पहले ही छोड़कर जा चुकी है। तभी से उसके तीन बेटे विवेक, शरद और सूरज काशीपुर अनाथालय में रहकर पढ़ाई कर रहे थे। आश्रम में बच्चों के बीच विवाद होने पर दो माह विवेक अपने पिता के पास आया था। विवेक को नहीं मालूम था कि उसे घर में पिता से दुलार की जगह मौत मिलेगी।
विवेक की चाची आशा ने बताया कि प्रेमशंकर के विवेक (14), शरद (11) गई और सूरज (8) तीन लड़के हैं। प्रेमशंकर की शादी 16 साल पहले यूपी के रामपुर जिले के रहमतगंज गांव की लक्ष्मी से हुई थी। प्रेमशंकर की नशे की आदत से परेशान होकर लक्ष्मी घर से तीन साल पहले बच्चों और पति को छोड़कर चली गई थी। प्रेमशंकर ने तीन साल पहले अपने तीनों लड़कों को काशीपुर के अनाथ आश्रम में भेज दिया था। विवेक दो माह पहले ही घर आया था।
बृहस्पतिवार को प्रेमशंकर की मां का श्राद्ध था। इस दौरान उसकी बहने ममता और कमलेश घर पर आई थीं। शाम को एक साथ खाना खाने के बाद दोनों अपने घर चली गई और आशा अपने बच्चों के साथ सोने चली गई। थोड़ी देर बाद उसने गड्ढा खोदने की आवाज सुनी और बाहर आकर देखा तो प्रेम शंकर ने बेटे को मारने की बात कही।