बदरीनाथ (चमोली)। सुगम चारधाम यात्रा के दावे जोर-शोर से किए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत इससे उलट है। बदरीनाथ धाम तक पहुंचना तीर्थयात्रियों के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं है। धाम से लेकर यात्रा पड़ावों तक जगह-जगह तीर्थयात्री जाम में फंसे रहे।
आस्था और विश्वास में बंधे यात्रियों की मंजिल बदरीनाथ धाम जरूर है, लेकिन उससे पहले की राह इतनी कठिन है, जो यात्रा पड़ावों से लेकर धाम तक उसकी परीक्षा ले रही है। रविवार को धाम पहुंच रहे और वहां से लौट रहे तीर्थयात्रियों को कई जगहों पर घंटों जाम से जूझना पड़ा। दरअसल, यहां हाईवे पर जगह-जगह ऑलवेदर रोड परियोजना का काम चल रहा है।
हाईवे पर हिल कटिंग तो बंद है, लेकिन पुश्ता निर्माण और हाईवे सुधारीकरण कार्य जारी है। परेशानी चमोली चाड़े से शुरू होती है जो बदरीनाथ धाम तक जारी रहती है। दरअसल, धाम में मास्टर प्लान के तहत मुख्य बाजार में पत्थर बिछाने का काम चल रहा है, जिससे आवाजाही में भारी दिक्कतें आ रही हैं। तीर्थयात्रियों को घंटों अपने वाहनों में बैठकर ही जाम के खुलने का इंतजार करना पड़ रहा है।
जौलीग्रांट (देहरादून)। बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर जौलीग्रांट से दो धामों केदारनाथ और बदरीनाथ के लिए नियमित हेलिकॉप्टर सेवा शुरू कर दी गई है। 10 मई से हेलिकॉप्टर सिर्फ केदारनाथ के श्रद्धालुओं को लेकर उड़ान भर रहा था।
रविवार सुबह करीब साढे़ छह बजे जौलीग्रांट से रुद्राक्ष एविएशन के हेलिकॉप्टर ने जौलीग्रांट से दो धामों के कुल 20 श्रद्धालुओं को लेकर उड़ान भरी। जौलीग्रांट से दो धामों की यात्रा एक दिन में करने के लिए एक व्यक्ति का किराया एक लाख 11 हजार रुपये रखा गया है, जबकि गुप्तकाशी और बदरीनाथ में दो रात्रि विश्राम के लिए एक व्यक्ति को एक लाख 30 हजार रुपये चुकाने होंगे।