गोरखपुर कड़ाके की ठंड से बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं। इन उपायों में सबसे खतरनाक है कि बंद कमरे में अंगीठी जलती छोड़कर सो जाना। पिछले कुछ दिनों में लखीमपुर खीरी सहित यूपी के अलग-अलग जिलों में इस एक गलती की वजह से कई लोग जान गंवा चुके हैं। अब गोरखपुर में भी दो मासूम बच्चों की मौत ऐसी ही गलती की वजह से हो गई है। बच्चों की मां की हालत गंभीर है। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घटना गोरखपुर के गगहा क्षेत्र में हुई है। गगहा क्षेत्र के चकमाली उर्फ विठुआ गांव के रहने वाले दिलीप निषाद रोजी-रोटी के लिए खाड़ी देश में काम कर रहे हैं। यहां घर पर उनकी पत्नी राधिका, पांच वर्षीय बेटा अंश और तीन वर्षीय बेटी अंतिका रहती थी। बताया रहा है कि ठंड से बचने के लिए उन्होंने रात में अलाव जलाया था। बाद में अंगीठी में आग छोड़कर तीनों बंद कमरे में सो गए। पिछले कई दिनों से गोरखपुर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। मंगलवार को दिन में तापमान 14 डिग्री सेल्सियस था। तड़के हल्की बूंदाबांदी भी हुई थी। इसकी वजह से गलन बढ़ गई। ठंडी हवाओं के कारण लोगों को गलन से परेशान हैं। ऐसी ही स्थिति में राधिका और उसके बच्चों ने बंद कमरे में आग से बचने के लिए अंगीठी जलती छोड़ दी होगी।
इस वजह से बंद कमरे में तीनों का दम घुट गया। इससे दोनों बच्चों की मौत हो गई जबकि मां बेहोश हो गई। सुबह जब देर तक तीनों में से कोई कमरे से बाहर नहीं निकला तो लोगों ने जाकर देखा। लोग तत्काल तीनों को लेकर नजदीकी अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टरों ने दोनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया। मां का बड़हलगंज के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। लोगों ने खाड़ी देश में कमाने गए दिलीप को इस घटना की सूचना दे दी है। वह वहां से घर के लिए रवाना हो गए हैं। दोनों बच्चों के अंतिम संस्कार के लिए दिलीप का इंतजार किया जा रहा है।