बांदा। बांदा जिले में बबेरू कोतवाली क्षेत्र के सतयांव गांव निवासी मृतक किसान अरुणेश मिश्र खेती-किसानी करता था। उसके पास 10 बीघा जमीन है। घर में ट्रैक्टर भी है। वह सात भाई थे। जिसमें यह छठवें नंबर का था। सात माह पहले मई माह में अरुणेश की शादी बांदा के अलीगंज मोहल्ला निवासी वर्षा मिश्रा के साथ हुई थी। वर्षा पांच माह की गर्भवती भी है।
10 दिसंबर को आखिरी बार उसकी अपनी पत्नी वर्षा से बात हुई थी। तब से वह लापता हो गया था। बड़े भाई कमलेश मिश्र ने बताया कि हत्यारोपी देवेश नामदेव के घर अरुणेश का आना जाना था। मित्रवत व्यवहार था। मृतक अपने मित्र देवेश की वक्त जरूरत पर पैसे से भी मदद करता था। छह माह पहले हत्यारोपी देवेश के पिता के निधन पर उसने अंतिम संस्कार से लेकर तेरहवीं तक उसकी मदद की थी।
25 हजार रुपये भी दिए थे। दो साल पहले देवेश को रहने के लिए प्रधान से कहकर कॉलोनी भी दिलाई थी। उन्होंने अपने भाई के हत्यारोपी की पत्नी से अवैध संबंधों पर अनभिज्ञता जताई। बताया कि उन्हें जानकारी नहीं थी। लेकिन हत्यारोपी देवेश पर पूरा घर विश्वास करता था। उसने विश्वासघात किया है। उसने बताया कि भाइयों में सबसे बड़े वह यानी कमलेश, फिर अखिलेश, नागेश, धनेश, भुवनेश व आशीष हैं। पिता प्रेमदत्त मिश्रा, मां ऊषा देवी हैं।
मृतक किसान के घर और घटनास्थल उच्च प्राथमिक विद्यालय की दूरी महज 200 मीटर की है। दो दिन से लापता किसान का शव स्कूल के अंदर पड़ा रहा और किसी को भनक तक नहीं लग सकी। यहां तक की 11 दिसंबर को विद्यालय खुलने पर शिक्षक और छात्रों को भी पता नहीं चल सका। शव स्कूल के पीछे की ओर बनी बाउंड्री के पास बने शौचालय के पास पड़ा रहा।
सात माह में ही वर्षा के माथे का सिंदूर उजड़ गया। वर्षा बांदा शहर के अलीगंज मोहल्ले की रहने वाली थी। मई माह में उसकी शादी सतयांव गांव निवासी अरुणेश मिश्रा के साथ हुई थी। वह पांच माह की गर्भवती भी है। पोस्टमार्टम हाउस में वह कभी रोती रही तो कभी गुमशुम अपनी जेठानी अंजना की गोद में सिर रखकर बैठ जाती।
बबेरू कोतवाली पुलिस ने हत्या के इस मामले का 24 घंटे में अनावरण कर दिया है। हत्यारोपी दंपती को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस लाइन सभागार में बुधवार की देर शाम एएसपी लक्ष्मी निवास मिश्र ने बताया कि अरुणेश का संपर्क देवेश की पत्नी गीता से हो गया था। दोनों की फोन पर बातचीत होती थी। दोनों एक-दूसरे से मिलते थे।
हत्यारोपी देवेश ने कई बार अरुणेश को मना किया कि वह उसकी पत्नी से दूर रहे पर अरुणेश नहीं मान रहा था। इस पर देवेश ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर उसकी हत्या की योजना बनाई। देवेश ने अपनी पत्नी के माध्यम से 10 दिसंबर को सुबह फोन कराया और रात में उसे स्कूल में मिलने के लिए बुलाया। योजना बनाई कि जब अरुणेश आ जाए, तो उसके कपड़े उतरवा देना। जिससे वह भाग न पाए।
योजना के अनुसार अरुणेश रात में देवेश की पत्नी से मिलने पहुंच गया। वहां गीता ने उसके कपड़े उतरवा दिए और गले लगे। तभी पीछे से देवेश ने आकर अरुणेश का गला नायलोन की रस्सी से कस दिया। जिससे उसका गला कट गया और रस्सी टूट गई। उसके बाद नुकीली कील से उसके गले व सीने में मारा और लाश को शौचालय के पास झाड़ियों में छिपा दिया।
अरुणेश के गले में पड़ी चेन व रुद्राक्ष की माला को निकाल लिया। बबेरू पुलिस ने आला कत्ल समेत चेन व रुद्राक्ष की माला को बरामद कर लिया है। इस घटना के खुलासे पर एसपी अंकुर अग्रवाल ने पुलिस पार्टी को 20 हजार रुपये का इनाम भी दिया है। खुलासे में बबेरू इंस्पेक्टर पंकज सिंह, निर्मल बाजपेयी, एसआई तुषार श्रीवास्तव समेत पुलिस कर्मी शामिल रहे।