देहरादून। लोकसभा चुनाव से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हजारों लोगों के बीच खुले मंच से अपने तीसरे कार्यकाल का एलान कर दिया। पीएम ने मंच से जब यह कहा कि मेरे तीसरे टर्म में देश की अर्थव्यवस्था दुनिया में तीसरे पायदान पर होगी, तो सबकी जुबान पर तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा की हालिया प्रचंड जीत का जिक्र था। सियासी जानकार पीएम के इस गजब के आत्मविश्वास की एकमात्र प्रमुख वजह तीन राज्यों के चुनाव में भाजपा को मिली जीत बता रहे थे।
यूपी के बाद देश की सियासत में राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ को हिंदी पट्टी में सबसे बड़ा फैक्टर माना जाता है। विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले तक जो पूर्वानुमान लगाए जा रहे थे, उनसे भाजपा की पेशानी पर भी बल थे। राजस्थान को छोड़कर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विपक्ष अपनी निश्चित जीत का दावा कर रहा था। इन दावों के बीच नतीजा भाजपा के हक में आया।
लोकसभा चुनाव से पूर्व तीन राज्यों में भाजपा की इस जीत ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से लेकर आम कार्यकर्ता तक को आत्मविश्वास से भर दिया है। यही गजब का आत्मविश्वास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर साफ दिखाई दिया। उन्होंने जिस भरोसे के साथ अपने नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था को दुनिया में शिखर की ओर से ले जाने का इरादा जताया, उसने जाहिर कर दिया कि वह फिर प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजमान होने जा रहे हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि पीएम मोदी का यह इरादा अनायास नहीं है।
दरअसल, जिन कल्याणकारी और विकास नीतियों और विजन पर केंद्र सरकार काम कर रही है, उसने स्थिर सरकार के प्रति विश्वास जताया है। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में राजनीतिक स्थिरता का प्रमुखता से जिक्र भी किया। इसके लिए उन्होंने विधानसभा चुनाव के हालिया नतीजों का उदाहरण दिया। उनका यह कहना कि आकांक्षी भारत अस्थिरता के बजाय एक स्थिर सरकार चाहता है, का यही निहितार्थ था कि ऐसी स्थितियां विकास और सुशासन का वातावरण बनाने में मददगार साबित होगी।
प्रधानमंत्री ने पिछले करीब 10 वर्षों में उत्तराखंड में चारधाम ऑलवेदर रोड परियोजना, ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना, देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेस हाईवे, पंतनगर और देहरादून एयरपोर्ट के विकास और विस्तार का जिक्र करके डबल इंजन की सरकारों के फायदे भी गिनाए। उन्होंने मंच से कहा भी, उत्तराखंड को डबल इंजन का लाभ मिला है और प्रकृति, संस्कृति और विरासत को समेटे उत्तराखंड आज कनेक्टिविटी और विकास योजनाओं के कारण एक ब्रांड के रूप में उभरने जा रहा है। ऐसा कहकर उन्होंने उन राज्यों को भी संदेश साफ कर दिया जहां स्थिर और डबल इंजन की सरकारें नहीं हैं।