रुद्रपुर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के गृह क्षेत्र खटीमा में सबसे अधिक कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चे पंजीकृत हैं। खटीमा बाल विकास परियोजना के सर्वे के मुताबिक पांच वर्ष तक के 21 हजार 343 बच्चे पंजीकृत हैं इसमें से 499 कुपोषित व 95 अतिकुपोषित बच्चे शामिल हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत जिले की 10 बाल विकास परियोजनाओं में पांच वर्ष तक के कुल एक लाख 92 हजार 926 बच्चों का पंजीकरण किया गया है। इसमें 1964 कुपोषित व 295 अतिकुपोषित बच्चे शामिल हैं। खटीमा परियोजना के बाद दूसरे नंबर पर जिला मुख्यालय रुद्रपुर शहर की बाल विकास परियोजना में 279 कुपोषित व 55 अतिकुपोषित बच्चे पंजीकृत हैं।
वहीं रुद्रपुर की ग्रामीण बाल विकास परियोजना में 228 कुपोषित व 36 अतिकुपोषित बच्चे पंजीकृत हैं। आकड़ों के मुताबिक सबसे कम काशीपुर शहर में 37 बच्चे कुपोषित व पांच अतिकुपोषित की श्रेणी में हैं। जबकि आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को कुपोषण व अतिकुपोषण से दूर करने के लिए पका पकाया भोजन भी खिलाया जा रहा है।
आंगनबाड़ी केंद्रों में पहली अक्तूबर से 31 मार्च तक यह दिए जाते हैं व्यंजन
दिन – नाश्ता – भोजन
सोमवार – पोहा की नमकीन – भरवा पराठा दाल वाला
मंगलवार – भुना चना, गुड़ – पुलाव (मटर, सब्जियों सहित)
बुधवार – मौसमी फल – दलिया (मीठा/नमकीन)
बृहस्पतिवार – मडुवे के बिस्कुट – कड़ी-चावल
शुक्रवार – भुना चना, गुड़ – खिचड़ी मटर, सब्जी सहित
शनिवार – चौलाई/तिल के लड्डू/मूंगफली-गुड़ पट्टी – झंगोरे की खीर
जिले की 10 बाल विकास परियोजना में कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों के आकड़ें
परियोजना का नाम – कुपोषित – अतिकुपोषित बच्चे
खटीमा – 499 – 95
सितारगंज – 49 – 08
रुद्रपुर ग्रामीण – 228 – 36
रुद्रपुर शहर – 279 – 55
गदरपुर – 100 – 10
बाजपुर – 110 – 19
काशीपुर शहर – 37 – 05
काशीपुर ग्रामीण – 140 – 22
जसपुर ग्रामीण – 442 – 27
जसपुर शहर – 80 – 18
कुल – 1964 – 295
( नोट – सितंबर माह में पंजीकृत आकड़े)
जिले में कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जल्द ही जिला कार्यक्रम अधिकारियों व बाल विकास परियोजना अधिकारियों की समीक्षा बैठक की जाएगी। बैठक में कुपोषित बच्चों की संख्या कम करने के लिए चर्चा की जाएगी। फिर बच्चों को चिह्नित कर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
-विशाल मिश्रा, मुख्य विकास अधिकारी।