कानपुर। कानपुर में आंचल खरबंदा की मौत के मामले में विवेचना के बाद पुलिस से क्लीन चिट पा चुके पांच आरोपियों को कोर्ट में तलब करने के लिए अभियोजन की ओर से अर्जी दी गई है। आंचल के पिता पवन ग्रोवर ने कोर्ट में दिए बयान में आंचल की मौत में पांचों आरोपियों की भूमिका होने की बात कही थी। इसी बयान के आधार पर अभियोजन ने अर्जी दी है। सुनवाई 17 नवंबर को होगी।
आंचल की मौत से संबंधित मुकदमे की सुनवाई अपर जिला जज तृतीय की अदालत में चल रही है। अभियोजन की ओर से पहले गवाह के रूप में आंचल के पिता पवन ग्रोवर की गवाही और जिरह हुई थी। इसमें पवन ने एफआईआर में दर्ज सभी आठ आरोपियों के घटना में शामिल होने की बात कही थी। इसी आधार पर अभियोजन की ओर से कोर्ट में अर्जी दी गई।
इसमें सभी लोगों पर दहेज की मांग पूरी न होने के कारण एकराय होकर साजिश के तहत आंचल की हत्या कर पंखे पर लटकाने का आरोप लगाया। कहा कि मौत के बाद आंचल के हाथ से लिखा एक पत्र मिला था, जिसमें उसने सभी लोगों द्वारा दी जा रही प्रताडऩा का जिक्र किया था। पुलिस ने सूर्यांश की निशानदेही पर उसके घर से नोटबुक बरामद की थी। नोटबुक व प्रताड़ना पत्र का हस्तलेख विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट में भी समान पाया गया।
इसके अलावा कॉल रिकार्डिंग से भी सभी आरोपियों के घटना में शामिल होने के सबूत मिले हैं। इसके बावजूद पुलिस ने विवेचना में पुनीत कोटवानी, उसकी पत्नी निकिता, आरोपी भरत ग्रोवर की पत्नी मीनाक्षी व उसकी बेटी तान्या व अन्नू खुल्लर के नाम चार्जशीट से हटा दिए। बाकी आरोपियों के खिलाफ भी मुकदमा चलना चाहिए इसलिए इन पांचों आरोपियों को भी तलब करने की कोर्ट से मांग की गई।
आंचल की 19 नवंबर 2021 को ससुराल में संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। आंचल के पिता पवन ग्रोवर ने नजीराबाद थाने में पति सूर्यांश, सास निशा खरबंदा, फूफा भरत ग्रोवर के अलावा मीनाक्षी, अन्नू खुल्लर, पुनीत कोटवानी, निकिता कोटवानी और तान्या ग्रोवर के खिलाफ दहेज हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। कहा था कि आंचल और सूर्यांश की शादी 9 फरवरी 2019 को हुई थी।
दहेज में 70 लाख रुपये की मांग को लेकर ससुरालवालों ने मारपीट कर आंचल की हत्या कर दी। मामले में सूर्यांश, निशा व भरत ग्रोवर के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट भेजी जा चुकी है और तीनों आरोपियों को हाईकोर्ट से जमानत भी मिल चुकी है जबकि बाकी पांचों आरोपियों के खिलाफ सबूत न मिलने पर फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई थी।