कानपुर। कानपुर में किसान बाबू सिंह की आत्महत्या के मामले में फरार भाजपा नेता डॉ. प्रियरंजन आशु दिवाकर की दूसरी अग्रिम जमानत अर्जी अपर जिला जज 24 अंशुमान पटनायक ने खारिज कर दी है। वह इसके पहले भी अर्जी दाखिल कर चुका था। आशु की ओर से कोर्ट में अधिवक्ता ने झूठा फंसाए जाने का तर्क रखा।
कहा कि आशु एक डॉक्टर और राजनीतिक छवि का व्यक्ति है। मैनपुरी से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और प्रदेश सरकार में बाल संरक्षण आयोग का सदस्य रहा है। वह बाबू सिंह के रिश्तेदार बबलू यादव के जरिये बाबू सिंह से मिला। उसके मुकदमे में पैरवी के लिए अधिकारियों को फोन कर मदद के लिए कहा था।
पुलिसवाले बिना जांच पड़ताल किए गिरफ्तार करने की धमकी दे रहे हैं। बिना जांच गिरफ्तारी से उसकी सामाजिक छवि धूमिल होगी। वहीं, अभियोजन की ओर से तर्क रखा गया कि आशु ने अपने साथियों संग मिलकर बाबू सिंह की जमीन की वास्तविक कीमत अदा न कर किसान को खुदकुशी के लिए मजबूर किया।
सीएमएम कोर्ट से आशु के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जा चुका है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। अग्रिम जमानत मिलने पर आशु जांच को प्रभावित करेगा। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से इन्कार कर दिया। वहीं, पुलिस आशु की गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी हुई है।