मेरठ। मुख्यमंत्री के सख्त आदेश के बाद भी शहर की सड़कों पर धर्म और जातिसूचक स्टीकर लने वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। जबकि मोटर वाहन अधिनियम के तहत यह प्रतिबंधित है। पिछले दिनों यातायात पुलिस ने चार दिन ऐसे वाहनों के खिलाफ अभियान चलाकर चालान काटे, लेकिन अब फिर से कार्रवाई ठंडी पड़ गई है।
जिले की सड़कों पर यातायात के नियम तोड़ने वालों की कमी नहीं है। धर्म और जातिसूचक स्टीकर लगे वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। एक अनुमान के मुताबिक करीब 30 फीसदी वाहनों पर ऐसे स्टीकर लगे हैं। अपना वर्चस्व कायम करने के लिए लोग ऐसे स्टीकरों का इस्तेमाल वाहनों पर खूब कर रहे हैं।
पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने सख्त आदेश दिए थे कि धर्म और जातिसूचक स्टीकर लगे वाहनों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाए। जिसके बाद यातायात पुलिस ने चार दिन अभियान चलाया और ऐसे वाहन के चालान काटे। अब कार्रवाई थमने के बाद लोग बेधड़क ऐसे वाहन दौड़ा रहे हैं।
वाहनों की नंबर प्लेट पर ही विभाग और पद नाम लिखना नियमविरूद्ध है। ऐसे वाहनों का 2 हजार रुपये के चालान का प्रावधान है। फिर भी शहर में धर्म और जाति के स्टीकर लगे वाहन सड़क पर फर्राटा भर रहे हैं। इसके अलावा विभाग और पदनाम लिखे वाहनों की भी शहर में भरमार है।
यातायात पुलिस ने धर्म व जातिसूचक स्टीकर वाले वाहनों के खिलाफ चलाए गए अभियान में 1070 चालान किए हैं। 14 से 30 जून तक चलाए गए अभियान में 136 चालान किए गए थे। इसके बाद 11 से 20 अगस्त तक चले अभियान में 243 और 23 अगस्त से 24 अगस्त तक 58 वाहनों के चालान काटे गए। इस माह यातायात पुलिस ने अभी तक 633 चालान किए हैं।
एसपी ट्रैफिक जितेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि अभी हाल ही में ऐसे वाहनों के खिलाफ अभियान चलाकर चालान काटे गए थे। अभियान जारी रहेगा और ऐसे वाहनों के चालान काटे जाएंगे। बेहतर होगा कि वाहन चालक स्वयं ही वाहनों से ऐसे स्टीकर हटा लें।