ऋषिकेश। 15 सितंबर से राफ्टिंग का इंतजार कर रहे शौकीनों को अभी कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा। गंगा का पानी मटमैला और जलस्तर अधिक होने के कारण राफ्टिंग का संचालन संभव नहीं हो पा रहा है। 15 सितंबर को पर्यटन विभाग की टीम गंगा नदी का निरीक्षण करेगी। उसके बाद ही राफ्टिंग के संचालन को हरी झंडी मिलेगी। हर साल एक सितंबर से राफ्टिंग शुरू होती है, लेकिन इस साल गंगा का जलस्तर अधिक होने से अभी तक यह शुरू नहीं हो सकी है।
12 सितंबर को पर्यटन विभाग, गंगा नदी रीवर राफ्टिंग रोटेशन समिति, सिंचाई विभाग और आईटीबीपी के विभागीय अधिकारियों ने मरीन ड्राइव से लेकर तपोवन नीमबीच तक गंगा का निरीक्षण किया। दो राफ्ट और पांच सेफ्टी क्याक की मदद से टीम ने 24 किमी गंगा की रेकी की। टीम ने गंगा का जलस्तर के साथ ही विभिन्न रैपिड़ों का निरीक्षण किया। साहसिक पर्यटन खेल अधिकारी खुशाल सिंह नेगी ने बताया कि गंगा का जलस्तर अभी बढ़ा हुआ है।
पानी बहुत मटमैला है। गंगा के लहरों में लकड़ी की डांटे बहकर आ रही हैं, जो सुरक्षात्मक दृष्टि से उचित नहीं है। मौसम विभाग की ओर से 16 सितंबर को येलो अलर्ट जारी किया है। जिसके चलते 15 सितंबर से गंगा में राफ्टिंग संचालित होना संभव नहीं है। 15 सितंबर को टीम एक बार फिर गंगा का निरीक्षण करेगी। उसके बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।
एक सितंबर से 31 जून तक गंगा में रीवर राफ्टिंग का संचालन होता है। जुलाई और अगस्त में बरसात को मौसम होने के कारण राफ्टिंग का संचालन बंद रहता है। वर्ष 2022-2023 में चार लाख 31 हजार 870 पर्यटकों ने राफ्टिंग का लुत्फ उठाया है।
इनमें शिवपुरी क्षेत्र में 206586, ब्रह्मपुरी में 174857 और क्लब हाउस 50427 पर्यटकों ने राफ्टिंग की। लेकिन इस साल गंगा का जलस्तर अधिक होने से एक सितंबर से राफ्टिंग शुरू नहीं हो सकी है।