देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को कारगिल विजय दिवस के अवसर पर भारतीय सेना के अदम्य साहस व शौर्य को नमन किया। उन्होंने गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक स्थल पर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने पराक्रम की नई परिभाषा लिखी। अपने अदम्य साहस के दम पर वह कर दिखाया जो कोई सेना नहीं कर पाई। यह दिखाया कि कोई दुश्मन हमारी तरफ आंख उठाकर नहीं देख सकता। इस दौरान उन्होंने हरबर्टपुर और डीडीहाट में सैनिक कल्याण कार्यालय खोलने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने सैनिक कल्याण विभाग और जिला प्रशासन को शहीद स्मारकों की देखरेख करने के निर्देश दिए।
मुखमंत्री ने कहा की यह आयोजन इसलिए भी जरूरी है कि भावी पीढ़ी इस शौर्य गाथा से परिचित हो। इसे अपने मानस पटल, अपनी स्मृति में रखें। आने वाली कई पीढ़ियां इससे प्रेरणा लेती रहेंगी। उत्तराखंड के वीर हमेशा बलिदान देने में आगे रहे हैं। उनके साहस के असंख्य किस्से सैन्य इतिहास में दर्ज हैं। उनकी स्मृति को हम कभी मिटने नहीं देंगे। कहा कि मेरा बचपन सैन्य अनुशासन और संस्कारों के बीच बीता है। अगर कार्यक्रम में और विलंब होता तो मुझे ग्लानि होती। मुझे सैनिकों को देख ही देश के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा मिलती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सेना सक्षम और सशक्त हुई है। उसकी यश कीर्ति विश्वभर में फैली है।
आज सेना गोली का जवाब गोले से देती है। आज हमारी सेना दुश्मन को उसके घर में घुसकर धूल चटा रही है। कहा कि राज्य सरकार सैनिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सैनिकों का सम्मान करना हर नागरिक का कर्तव्य। सैनिक का कोई धर्म,कोई जाति नहीं होती। वीर बलिदानियों की यादों को संजोकर रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। हमारी सरकार इस दिशा में भी कार्य कर रही है। राज्य सरकार देहरादून में सैन्य धाम का निर्माण कर रही है। केंद्र व राज्य सरकार ने सैनिकों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सैनिक कल्याण निदेशक ब्रिगेडियर अमृत लाल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने देश की रक्षा में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले वीर शहीदों को नमन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्यपाल ने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने अदम्य साहस, शौर्य और रणनीतिक कौशल का प्रदर्शन किया था। इस विजय अभियान में भारतीय सेना के कई शूरवीरों ने देश के लिए अपना बलिदान दिया, जिसमें उत्तराखंड के कई वीर सैनिक भी शामिल थे।
उन्होंने कहा भारत की सेना ने अपने शौर्य और पराक्रम से हमेशा देश का गौरव बढ़ाया है जिस पर हम सभी को गर्व है। शौर्य दिवस देश की सुरक्षा के लिए सीमा पर तैनात वीर सैनिकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन भी है। इन वीर जवानों के त्याग एवं बलिदान के कारण ही राष्ट्र की सीमाएं सुरक्षित हैं।