
देहरादून। इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक व भाजपा नेता शौर्य डोभाल का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों में केंद्रीय सत्ता की कमान आते ही परिवर्तन साफ दिखाई देने लगा है। मोदी राज के नौ साल विपक्षी सरकारों के 65 सालों पर बहुत भारी हैं।
डोभाल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के विदेशों में भारत के हालात पर चिंता जताने के तरीके को अनुचित और औपनिवेशिक सोच से ग्रस्त बताते हैं। कई मुद्दों पर डोभाल से बातचीत के प्रमुख अंशः
प्रश्न- पिछले नौ वर्षों में भारत कितना बदला?
देश में कुछ ऐसी बड़ी चीजें हो रही हैं, जो पहले कभी नहीं हुईं। ये चीजें देश का मान-सम्मान बढ़ा रही हैं और देश में नई ऊर्जा भर रही है। जब से मोदी आए हैं, बड़े-बड़े फैसले हुए। अग्निवीर भी उसमें से एक है।
प्रश्न- लेकिन कांग्रेस तो अग्निवीर योजना के खिलाफ पदयात्रा निकाल रही है?
अग्निवीर योजना को अभी सिर्फ एक वर्ष हुआ है। एक वर्ष में कांग्रेस को योजना में कई खोट नजर आ गए। उसे युवाओं को भ्रमित नहीं करना चाहिए।
प्रश्न- कौन से बड़े फैसले?
अनुच्छेद 370, राम मंदिर निर्माण, कोरोनाकाल में 220 करोड़ लोगों को कोविड वैक्सीन, डिजिटल इंडिया, नई शिक्षा नीति, जीएसटी सरीखे ऐसे फैसले हैं। मोदी सरकार में गति और सोच है। पीएम का कहना, पुरानी बातें छोड़ों, आगे की तरफ देखो, दुनिया हमारी ओर देख रही है। हमें विश्व गुरु बनना है।
प्रश्न- वे कौन सी उपलब्धियां हैं, जो भारत को विश्व गुरु बनाने का आधार बनेंगी?
पिछले नौ वर्षों में भारत के विकास की गति ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। मैं आंकड़ों पर बात करुंगा। उनके 65 साल में 387 मेडिकल कॉलेजों के मुकाबले नौ साल में 305 मेडिकल कॉलेज बन चुके हैं। उन्होंने 65 साल में 13 एम्स बनाए, हमने नौ साल में इसे 24 तक पहुंचा दिया। 90 हजार किमी एनएच की तुलना में नौ साल में 60 हजार किमी बना दिया। उन्होंने 70 एयरपोर्ट हमने नौ साल में 70 बना दिए। 2014 तक देश में 40 बिलियन डालर निवेश आता था, आज वह 85 बिलियन डालर हो गया। मोबाइल का उत्पादन 60 मिलियन होता था, जो बढ़कर 310 मिलियन हो गया। 2014 में 350 स्टार्टअप थे, जो नौ साल में बढ़कर 90 हजार हो चुके हैं। जिनमें से 100 स्टार्टअप एक बिलियन डालर से ऊपर के हैं।
प्रश्न- राहुल गांधी ने तो विदेशी मंचों पर जाकर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं?
राहुल गांधी औपनिवेशिक मानसिकता से ग्रस्त हैं। भारत में क्या होना है, ये विदेशी तय नहीं करेंगे। उनके तो वोट भी नहीं है। देश की जनता ही असल डॉक्टर है, उन्हें उसके पास जाना चाहिए।
प्रश्न- लेकिन विपक्ष हर बड़े फैसले पर सवाल उठा रहा है?
यह राजनीति का दुर्भाग्य है। इनकी भी कुछ राज्यों में सरकारें हैं। उनके पास भी खुद को साबित करने का अवसर हैं। वे बताएं कि समाज, राज्य और देश कैसे बदला जा सकता है। सिर्फ आलोचना कर देना काफी नहीं। देश सुरक्षित हाथों में है। राष्ट्रहित में नरेंद्र मोदी को 2024 में दोबारा प्रधानमंत्री बनाना है।
प्रश्न- वह कौन सी बात है, जिसकी वजह से दुनिया भारत की ओर देख रही है?
260 करोड़ बाजू और 130 करोड़ दिमाग। अमेरिका और चीन से बड़ा वर्क फोर्स। इसके अलावा 50 करोड़ ऐसे लोग जिनके जीरो बैलेंस पर खाते खोल कर उन्हें वित्तीय प्रणाली से जोड़ दिया गया। अर्थशास्त्रियों ने तब आशंका जताई कि बैंक बंद हो जाएंगे। लेकिन आज दुनिया यह देख कर हिल गई है कि 50 करोड़ लोगों के खातों में 21 बिलियन डालर हैं। यदि ये उत्पादक संपत्ति बन गए तो देश की अर्थव्यवस्था नई ऊंचाई पर होगी।
प्रश्न- देश के लिए यूसीसी को कितना जरूरी मानते हैं?
कोई परिवार, कोई समाज, राष्ट्र या इकाई अलग-अलग कानून के आधार पर नहीं चल सकती। यूसीसी पर गंभीरता से विचार होना चाहिए। यदि देश तैयार है तो इसे लागू करना चाहिए। केवल राजनीति या आलोचना के आधार पर इसका विरोध उचित नहीं है।
प्रश्न- लोकसभा चुनाव के दौरान आपकी गढ़वाल सीट से चुनाव लड़ने की अकसर चर्चा होती है?
मेरी चुनाव लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है। मेरे लिए राजनीति करिअर नहीं, सेवा है। पार्टी का जो भी आदेश होता है, हम उसका पालन करते हैं।