देहरादून। केदारनाथ में गर्भगृह में लगी सोने की प्लेट को लेकर चल रहे विवाद पर कांग्रेस के तेवर और आक्रामक हुए हैं। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष एवं कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने इस प्रकरण में भ्रष्टाचार का अंदेशा जताते हुए एसआईटी से जांच कराने की मांग की है।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में गणेश गोदियाल ने कहा कि केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में लगी सोने की प्लेटों पर मंदिर के पुजारियों, पंडा समाज और केदारनाथ सभा ने आरोप लगाए हैं। कहा जा रहा है कि गर्भगृह में सोने की जगह पीतल लगाया गया है। साथ ही सोने की मात्रा को लेकर भी अलग-अलग दावे किए गए हैं।
गणेश गोदियाल ने कहा कि सोना तेज एसिड से भी नहीं गलता है, लेकिन यदि पानी से इसके गलने की बात कही जा रही है तो यह जांच का विषय है। इस जांच से भागा नहीं जाना चाहिए। सरकार से यही मांग की जा रही है कि इसकी जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि इस विवाद से देवभूमि उत्तराखंड, उत्तराखंडियत की छवि देशभर में धूमिल हुई है।
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा शासनकाल में हिंदुओं की आस्था से लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है। गर्भगृह की दीवारों पर लगा सोना पीतल में बदल गया है। वहीं एक महिला ने पुजारियों की उपस्थिति में गर्भगृह में नोट बरसाए। यही नहीं, पेटीएम बारकोड से चंदा लिया जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि चार धाम स्वाभिमान का प्रश्न है। केदारनाथ मंदिर में सोने के प्रकरण पर भ्रष्टाचार का मामला गंभीर है। इसे गंभीरता से लेने के स्थान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट से इसे मंदिर के प्रति आस्था से जोड़कर भ्रमित करना चाहते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री और शासन को इस मामले में स्पष्टीकरण देना चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि गर्भगृह में लगाए गए सोने की मात्रा को लेकर भी अलग-अलग दावे सामने आ रहे हैं। पहले अधिक सोना लगने की बात बताई गई थी। अब 23 किलो सोने के उपयोग की बात कही जा रही है। वस्तुस्थिति क्या है, जांच से ही स्पष्ट हो पाएगा। इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य भी उपस्थित थे।