देहरादून। उत्तराखंड में बढ़ रहे नशे के कारोबार के खिलाफ प्रशासन लगातार सख्त है। अब प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो प्रदेश में ड्रग्स माफिया को जड़ से समाप्त करने के लिए कानून भी लेकर आएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नशे की सप्लाई चेन तोड़ने के लिए पुलिस को ड्रग्स माफिया व अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो प्रदेश में ड्रग्स माफिया को जड़ से समाप्त करने के लिए नकल रोधी कानून की तरह कड़े से कड़ा कानून लाया जाएगा। सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड को 2025 तक ड्रग्स फ्री करने के लिए अधिकारी मात्र बैठकों तक सीमित न रहें, वे इसकी जिम्मेदारी भी लें। उन्होंने योग दिवस की भांति ही 26 जून को वर्ल्ड एंटी ड्रग्स डे मनाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में नारकोटिक्स समन्वय समिति की चौथी राज्य स्तरीय बैठक में कहा कि वर्ल्ड एंटी ड्रग्स डे के अवसर पर युवाओं के एंटी ड्रग ई शपथ के आंकड़े को 53 हजार से बढ़ाकर नया रिकार्ड बनाने का लक्ष्य पुलिस विभाग को दिया गया है। उन्होंने सचिव स्वास्थ्य आर राजेश कुमार को निर्देश दिए कि राज्य में नशा मुक्ति केंद्रों की स्थापना, संचालन, उपचार एवं चिकित्सकों की व्यवस्था के लिए स्पष्ट गाइडलाइन तथा कार्य योजना बनाने और इसे क्रियान्वित करने में आ रही बाधाओं के समाधान के लिए मुख्यमंत्री स्तर पर सीधा संपर्क किया जाए।
सीएम धामी ने अधिकारियों को एंटी ड्रग्स फोर्स को मजबूत करने की भी बात कही। उन्होंने पुलिस के अधिकारियों व जवानों को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में प्रतिनियुक्ति व प्रशिक्षण के लिए भेजने के लिए गंभीरता से कार्य योजना पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डिप्टी डायरेक्टर जनरल ज्ञानेश्वर सिंह ने जानकारी दी कि वर्ष 2022 में उत्तराखंड में 238 किलो चरस, 30 किलो डोडा, 12 किलो अफीम, 19.11 किलो स्मैक, 1.57 किलो हेरोइन, 1231 किलो गांजा, 105390 किलो कैप्सूल, 17506 इंजेक्शन, 32110 टेबलेट सीज की गई हैं। इस वर्ष अभी तक एनडीपीएस एक्ट के तहत 586 मामले पंजीकृत हो चुके हैं, जिनमें 742 आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं।
बैठक में बताया गया कि नशे के आदी व्यक्तियों के उपचार को भारत सरकार ने श्रीनगर, उत्तरकाशी, चंपावत एवं अल्मोड़ा का चयन किया है। यहां मादक पदार्थों के दुष्प्रभावों के उपचार को राजकीय चिकित्सालय व स्वास्थ्य केंद्रों में उपचार सहायता उपलब्ध कराई जाती है। बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु के अलावा विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे।