
जिले में 33,000 हेक्टेयर में रबी की फसल बोई जाती है जिससे एक लाख से अधिक किसानों की आजीविका चलती है लेकिन इस बार गेहूं, जौ आदि फसलों की बुआई के बाद बारिश ही नहीं हुई। इस कारण गेहूं, जौ की पौध सूखने के कगार पर पहुंच गई थी जिससे किसान मायूस थे। इसी बीच बृहस्पतिवार शाम हुई झमाझम बारिश ने किसानों के मायूस चेहरों पर मुस्कान लौटा दी है।
बारिश के बाद इन फसलों के सूखने का खतरा टल गया है। कृषि वैज्ञानिकों ने भी हालिया बारिश को रबी की फसलों के लिए बेहद लाभकारी बताया है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि बारिश से फसलों की बढ़वार काफी अच्छी होगी। इसका असर उत्पादन पर भी दिखेगा। इस बार पैदावार अच्छी रहेगी। गेहूं की फसल में अच्छी बालियां आएंगी।
तहसील क्षेत्र के चनौदा, रनमन, झुपुलचौरा, लोद, खर्कवाल गांव, डुमरगांव, फल्याटी, अर्जुन राठ, भाना राठ, मल्लाखोली, हट्यूड़ा आदि गांवों में गेहूं, सरसों, मसूर, जौ आदि की खेती की जाती है। लौकी, कद्दू, आलू समेत विभन्न प्रकार की सब्जियां, नाशपाती, खुबानी समेत विभिन्न प्रकार के फलों का उत्पादन होता है। बारिश न होने से जहां फसलें सूखने लगी थीं जिससे किसान भी चिंतित थे। स्थानीय किसानों ने बताया कि बारिश से थोड़ी राहत मिली है। उन्होंने बताया कि धान की बुआई के लिए भी बारिश ने काफी राहत दी है।
जिले में रबी फसल की स्थिति
- गेहूं 25000 हेक्टेयर
- मसूर 2500 हेक्टेयर
- सरसों 2100 हेक्टेयर
- जौ 4000 हेक्टेयर
- चना 50 हेक्टेयर
- मटर 250 हेक्टेयर
लोग बोले
लंबे समय से बारिश न होने से गेहूं समेत अन्य फसलें सूख गई थी। बृहस्पतिवार शाम हुई बारिश से अब फसलों में नई जान आई है।
– प्रकाश अल्मिया, अर्जुनराठ (सोमेश्वर)
नवंबर में गेहूं की फसल बोई गई थी लेकिन बारिश न होने से फसल की बढ़वार नहीं हो रही थी। बारिश से राहत मिली है।
– ठाकुर नयाल, टाना (सोमेश्वर)
क्षेत्र में लौकी, कद्दू समेत कई सब्जियों का उत्पादन किया जाता है। बारिश न होने इनकी पौध सूखने लगी थी। बारिश से सब्जी उत्पादन बढ़ेगा।
– चंदन भारती (सोमेश्वर)
यह बारिश रबी की फसलों के लिए लाभकारी है। गेहूं, जौ आदि फसलों की बढ़वार में तेजी आएगी। फसलों में बालियां भी अच्छी आएंगी।
– धनपत कुमार, मुख्य कृषि अधिकारी अल्मोड़ा।