देहरादून। शहर में विक्रमों को बाहर करने और उनके बदले नए चौपहिया बीएस-6 पेट्रोल या सीएनजी वाहन के परमिट को लेकर विक्रम संचालकों के पास आज आखिरी मौका है। नए वाहनों के परमिट के लिए परिवहन विभाग की ओर से विक्रम संचालकों को प्राथमिकता दी जा रही थी, जिसकी अवधि मंगलवार को समाप्त हो रही। आरटीओ प्रशासन सुनील शर्मा ने बताया कि एक मार्च यानी बुधवार से आमजन इन वाहनों के परमिट के लिए आवेदन कर सकते हैं।
पहले आओ-पहले पाओ की व्यवस्था के अनुसार परमिट दिए जाएंगे। परिवहन विभाग शहर में बनाए 18 मार्गों के लिए नए वाहनों के परमिट दे रहा है। शहर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के क्रम में गत एक नवंबर को संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) ने डीजल चालित विक्रमों और आटो को शहर से बाहर करने का निर्णय लिया था।
इसके तहत दस वर्ष से अधिक पुराने डीजल विक्रम को इस वर्ष 31 मार्च जबकि दस वर्ष से कम पुराने विक्रम को 31 दिसंबर के बाद शहर में चलने नहीं दिया जाएगा। इनके स्थान पर 18 मार्गों पर स्टेज कैरिज परमिट के अंतर्गत बीएस-6 पेट्रोल या सीएनजी चौपहिया वाहन चलेंगे। विक्रम संचालक शुरुआत से इसका विरोध कर रहे थे, लेकिन कोई राहत न मिलने पर उन्होंने नए परमिट के लिए आवेदन शुरू कर दिया।
परिवहन विभाग की ओर से विक्रम संचालकों को प्राथमिकता देते हुए निर्णय लिया कि पहले नए वाहनों के परमिट केवल विक्रम संचालकों को दिए जाएंगे। उनके लिए आवेदन की अंतिम तिथि 31 जनवरी रखी गई थी, जिसे बढ़ाकर बाद में 28 फरवरी कर दिया गया था, लेकिन अभी भी करीब 200 संचालकों ने नए परमिट को लेकर आवेदन नहीं किया। आरटीओ ने बताया कि इन संचालकों के पास आवेदन के लिए अब केवल आज मंगलवार का समय है। इसके बाद इन्हें अवसर नहीं दिया जाएगा।
शहर में संचालित 797 विक्रमों में से 600 संचालकों ने आरटीओ में नए चौपहिया वाहन के परमिट के लिए आवेदन कर अनुमति पत्र लिया है, लेकिन नया वाहन केवल 140 संचालक ही लाए। बाकी 450 ने नए वाहन को लेकर कोई सूचना आरटीओ कार्यालय को नहीं दी। हालांकि, नया वाहन लाने की अंतिम तिथि 31 मार्च निर्धारित है, लेकिन आरटीओ की ओर से सभी 450 संचालकों को नोटिस भेजकर नए वाहन की स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
आरटीओ ने बताया कि अगर इन संचालकों ने एक हफ्ते के भीतर जवाब नहीं दिया तो इनका परमिट आवेदन निरस्त कर उक्त परमिट आमजन के लिए खोल दिए जाएंगे। सीएनजी में कन्वर्ट कर सकते हैं विक्रमआरटीए ने विक्रम संचालकों की मांग पर बड़ी राहत देते हुए निर्णय लिया है कि यदि संचालक चाहें तो अपने वाहन सीएनजी में कन्वर्ट कर सकते हैं। इसमें शर्त यह रहेगी कि इसके बाद विक्रम का संचालन मौजूदा व्यवस्था के बजाए केवल ठेका परमिट में हो सकेगा। वर्तमान में विक्रम फुटकर यात्री बैठाते हैं।