पंतनगर। पिज्जा और पास्ता के स्वाद में इजाफा करने वाली विदेशी हर्ब ऑरिगेनो अब स्वदेश में ही तैयार होगी। इसके लिए केंद्रीय औषधि एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) के वैज्ञानिकों ने नई किस्म सिम-सुदीक्षा विकसित की है। इसे 30 जनवरी को लखनऊ में सीमैप के वार्षिक दिवस में किसानों के लिए उपलब्ध भी करा दिया गया है।
इस प्रजाति को विकसित करने वाले वैज्ञानिक डॉ. वेंकटेश केटी ने बताया कि इसमें कार्वाक्रॉल (पत्तियों में पाया जाने वाला रसायन) की मात्रा 53 से 63 फीसदी तक है। यह ऑरिगेनो पिज्जा-पास्ता समेत कई खाद्य सामग्री में बतौर टॉपिग्स इस्तेमाल होता है। अभी बाहरी देशों से इसका आयात होता है। देश में इसकी कोई देसी प्रजाति नहीं थी, जो व्यावसायिक आधार पर उगाई या बेची जा सके।
सीमैप के वैज्ञानिक छह वर्षों से इस पर शोध कर रहे थे। वैज्ञानिकों का दावा है कि स्वदेशी ऑरिगेनो प्रचलित प्रजातियों से अधिक दमदार है और इसकी उपज प्रचलित प्रजातियों से 10-15 प्रतिशत तक अधिक होगी। टीम हेड डॉ. वेंकटेश केटी के नेतृत्व में डॉ. आरसी पडलिया, डॉ. आरएस वर्मा, डॉ. तृप्ता झांग, डॉ. आरके उपाध्याय और डॉ. दिपेंद्र कुमार आदि वैज्ञानिकों का विशेष योगदान रहा।
किसानों के लिए मुफीद सिम-सुदीक्षा प्रजाति
- पर्वतीय क्षेत्रों में इसकी पैदावार की संभावनाएं अधिक हैं।
- फसल को अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है
- जानवर नहीं खाते हैं लिहाजा किसानाें के लिए भी मुफीद
- तेल की मात्रा अधिक व चार माह में फसल तैयार होती है।
ऑरिगेनो लैमिएसी कुल का एक सपुष्पक शाक औषधीय पौधा है। इसका वनस्पतिक नाम ऑरिगेनम वुल्गेन है। यह भोजन को एक अलग स्वाद और सुगंध प्रदान करता है। ऑरिगेनो के एसेंशियल ऑयल में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो इन्फ्लेमेशन और हृदय रोग के खतरे को कम करते हैं।