देहरादून/हरिद्वार। उत्तराखंड में दिसंबर के अंतिम हफ्ते में सर्दी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। ऊधमसिंहनगर और हरिद्वार में शीतलहर का कहर जारी है। पहाड़ों में पाला परेशानी बढ़ा रहा है। वहीं, हरिद्वार में 37 साल में पहली बार -6 डिग्री तापमान पहुंचा है।
हरिद्वार के बहादराबाद में 1985 में मौसम विभाग का सेंटर स्थापित होने के बाद पहली बार बुधवार को न्यूनतम तापमान -6 डिग्री रिकॉर्ड हुआ। वहीं, अधिकतम तापमान भी 10.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। इतना कम तापमान देख एक बार को तो मौसम विभाग के अधिकारी भी हैरान रह गए। उन्होंने फिर तापमान की दोबारा जांच की।
मौसम विभाग के शोध पर्वप्रेयक नरेंद्र रावत के मुताबिक 37 साल में पहली बार न्यूनतम और अधिकतम पारे में इतनी गिरावट दर्ज हुई है। 1988 में न्यूनतम तापमान -3 रिकॉर्ड हुआ था। 2018 में न्यूनतम तापमान -1 डिग्री रिकॉर्ड हुआ था। अधिकतम तापमान भी 37 सालों में इतने नीचे कभी नहीं आया।
बता दें कि मौसम विभाग ने ऊधमसिंहनगर और हरिद्वार में अगले 48 घंटे के लिए शीतलहर का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक ऊधमसिंहनगर और हरिद्वार जिलों में जबरदस्त ठंड पड़ने के साथ ही कोहरा छाया रहेगा। कड़ाके की ठंड के कारण प्रभारी जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन ने कक्षा एक से 12 तक के सभी सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों, आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में बुधवार और बृहस्पतिवार को अवकाश घोषित कर दिया है।
उधर, पिथौरागढ़ के मुनस्यारी, धारचूला की व्यास एवं दारमा घाटियों में ठंड के कारण नलों और झरनों में पानी जमने लगा है। मुनस्यारी में न्यूनतम तापमान -3 तो बागेश्वर में पांच डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हल्द्वानी में बुधवार की सुबह ही कोहरे के आगोश में हुई।
पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी में रात के समय तापमान माइनस तीन डिग्री तक पहुंच रहा है। चंपावत और नैनीताल में धूप खिली हुई हैं। यहां न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस है जबकि सरोवरनगरी में 8 डिग्री सेल्सियस है। तराई में दो दिनों से लगातार चल रही शीतलहर और गलन से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है।