देहरादून। अंकिता हत्याकांड में पुलिस का गवाह नंबर सात पुष्प से भी अहम है। यह रिजॉर्ट का वही कर्मचारी है, जिसे अंकिता ने पुष्प से भी पहले रिजॉर्ट का काला सच बताया था। इस कर्मचारी ने पुलकित से बात की थी लेकिन उसे धमकाकर चुप करा दिया गया। इस कर्मचारी की गवाही पुष्प से भी अहम मानी जा रही है।
दरअसल, अंकिता की हत्या हुई यह तो आरोपियों ने ही पुलिस को बता दिया था। आरोपियों ने घटनास्थल पर हुई सारी कहानी को पहली ही पूछताछ में उगल दिया लेकिन पुष्प की बातें जब सामने आईं तो पता चला कि अंकिता क्यों पुलकित से नाराज थी। उसके मोबाइल के स्क्रीन शॉट (अंकिता और पुष्प के बीच चैट) से पता चला था कि अंकिता पर किसी वीआईपी को स्पेशल सर्विस दिए जाने का दबाव बनाया जा रहा था।
मगर, पुष्प वह पहला शख्स नहीं है जिसे अंकिता ने सबसे पहले यह बात बताई। इससे पहले वह रिजॉर्ट के एक पुराने कर्मचारी को सारी बातें बता चुकी थी। इस कर्मचारी को उसने दो बार आमने सामने और तीसरी बार मोबाइल पर पुलकित के कारनामों को बताया।
चूंकि, पुलकित का व्यवहार अपने कर्मचारियों से अच्छा नहीं था तो वह उससे बात करने में डर रहा था लेकिन फिर भी उसने पुलकित से बात करने की हिम्मत जुटाई। कर्मचारी ने बात की मगर पुलकित ने उसे जान से मारने की धमकी देकर चुप करा दिया। पुलिस का यह गवाह नंबर सात है।
एसआईटी ने 86 दिनों तक इस मामले में गंभीरता से विवेचना करने का दावा किया है। हर पहलू को मजबूत तरीके से चार्जशीट में शामिल किया गया है। कुल 97 गवाहों में से सात गवाहों के मजिस्ट्रेटी बयान (सीआरपीसी 164) कराए गए हैं।
इन सबने पुलिस के सामने दिए बयान (सीआरपीसी 161) के बयानों की पुष्टि की है। इनमें वादी अंकिता के पिता के साथ-साथ पुष्प, रिजॉर्ट के कर्मचारी और गवाह नंबर सात शामिल हैं।