रुद्रप्रयाग। प्लास्टिक/ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम पर एक दिवसीय गोष्ठी का आयोजन शनिवार को विकास भवन सभागार में किया गया। इस दौरान शहरी विकास विभाग के मास्ट्रर ट्रेनरों द्वारा प्लास्टिक/ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम पर उपस्थित स्थानीय जन प्रतिनिधियों व नगर निकाय के अधिशासी अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया।
एक दिवसीय गोष्ठी में मास्टर ट्रैनर विकास छाछर ने उपस्थित नामित सदस्यों को प्रशिक्षण देते हुए बताया कि कुशल ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली का मुख्य उद्देश्य कूड़े-करकट से अधिकतम मात्रा में उपयोगी संसाधन प्राप्त करना है। साथ ही ऊर्जा का उत्पादन करना है ताकि कम-से-कम मात्रा में अपशिष्ट पदार्थों को लैंडफिल क्षेत्र में न फेंकना पड़े। इसका कारण यह है कि लैंडफिल में फेंके जाने वाले कूड़े का भारी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
एक तो इसके लिए काफी जमीन की आवश्यकता होती है जो लगातार कम होती जा रही है, और दूसरे कूड़ा वायु, मिट्टी और जल-प्रदूषण का संभावित कारण भी है। अपशिष्ट पदार्थ पैदा करने वालों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे कूड़े की छंटाई करें, जो ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की मूल आवश्यकता है। मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार ने कहा कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन वर्तमान में बहुत बड़ी समस्या का रूप ले रहा है क्योंकि शहरीकरण, औद्योगिकरण और आर्थिक विकास के परिणाम स्वरूप शहरी कूड़े-करकट की मात्रा बहुत बढ़ गई है।
उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या और लोगों के जीवन स्तर में सुधार से यह समस्या और भी जटिल हुई है। विभिन्न भागों में इस दिशा में पहल की जा रही हैं। उन्होंने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित मसलों के व्यापक समाधान के लिए अब भी बहुत-कुछ किए जाने की बात कही। इस अवसर पर अध्यक्ष नगर पालिका परिषद रुद्रप्रयाग श्रीमती गीता झिंक्वाण, अध्यक्ष नगर पंचायत तिलवाड़ा श्रीमती संजू जगवाण, अध्यक्ष व्यापार सभा चंद्रमोहन सेमवाल, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका सुशील कुमार कुरील, नगर पंचायत तिलवाड़ा वासुदेव डंगवाल, अगस्त्यमुनि विजेंद्र पंवार, ऊखीमठ मोहन सिंह बनोला, जसपाल लाल भारती सहित अन्य उपस्थित थे।