देहरादून। उत्तराखंड में कूड़े की शिकायतों का अब प्रदेश में त्वरित निस्तारण होगा। इसके लिए सभी निगम-निकायों में क्विक रिस्पांस टीमों का गठन होने जा रहा है। शहरी विकास निदेशालय ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 के तहत इन टीमों के गठन के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश में कूड़ा निस्तारण बड़ी चुनौती बना हुआ है। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने इसे निर्धारित समय में निस्तारित करने के लिए एक ई-मेल आईडी जारी की थी, जिस पर आने वाली शिकायतों पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी गढ़वाल और कुमाऊं मंडलायुक्त को दी गई है। इस बीच, सोमवार को सर्वे ऑडिटोरियम में आयोजित राज्य स्तरीय गोष्ठी में हाईकोर्ट के आदेशों के बारे में सभी निकायों के प्रतिनिधियों को जागरूक किया गया।
अपर निदेशक अशोक कुमार पांडेय ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में भी पहली बार क्विक रिस्पांस टीम को शामिल किया गया है। सभी निकायों को विभाग से निर्देश जारी किए गए हैं कि वह कूड़ा निस्तारण के लिए क्विक रिस्पांस टीमों का गठन करें।
यह टीमें स्वच्छता एप या अन्य माध्यम से आने वाली शिकायतों को चार, आठ, 10 या 24 घंटे की अवधि में दूर करेंगी। बताया कि इंदौर सहित देश के शीर्ष स्वच्छ शहरों में पहले से इस तरह की टीमें काम कर रही हैं। इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में इन टीमों के अलग से अंक दिए जाएंगे।
स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में इस बार कई पहलुओं को बारीकी से शामिल किया गया है। इसमें कहा गया है कि भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए निकाय कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दें। इसके अंक मिलेंगे। इस बार सर्वे करने वाली टीम शहर के खाली प्लॉटों का भी जायजा लेगी।
अगर उनमें कूड़ा न मिला तो अलग से अंक मिलेंगे। इस बार के सर्वेक्षण में 70 फीसदी अंक सर्विस लेवल बेंचमार्क, डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन और पब्लिक फीडबैक के होंगे, जबकि 30 फीसदी अंक सर्टिफिकेट्स के होंगे।