देहरादून। उत्तराखंड शासन के निर्देश पर राज्य के पांच जोन में कराए गए सेफ्टी ऑडिट में अभी तक 36 पुल आवागमन के लिए असुरक्षित पाए गए हैं। पुलों के सेफ्टी ऑडिट का काम अभी जारी है। प्रदेश में स्थित 3262 में से 2518 पुलों की सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट लोनिवि ने शासन को सौंप दी है।
बीतों दिनों गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे के बाद शासन ने राज्य में सभी पुलों के तीन सप्ताह के भीतर सेफ्टी ऑडिट के निर्देश दिए थे। इसके बाद लोनिवि की ओर से राज्य के पांच जोन में बंटे 13 जिलों में स्थित पुलों का मुख्य अभियंताओं के स्तर पर सेफ्टी ऑडिट कराया गया। 2618 पुलों की रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई है। इसके अनुसार पौड़ी जोन में टिहरी में आठ, चमोली में एक और पौड़ी में 16 पुल असुरक्षित पाए गए हैं। अल्मोड़ा जोन में पिथौरागढ़ में एक पुल, हल्द्वानी जोन में यूएसनगर में पांच पुल असुरक्षित पाए गए हैं। देहरादून जोन में देहरादून में एक और हरिद्वार में तीन पुल असुरक्षित पाए गए हैं।
इसके अलावा लोनिवि के अधीन राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित 334 सेतुओं में से 179 का सेफ्टी ऑडिट किया गया। इनमें से रुद्रप्रयाग के बेलनी नामक स्थान पर एक पुल असुरक्षित पाया गया है। लोनिवि के प्रमुख अभियंता अयाज अहमद का कहना है कि बाकी बचे पुलों में एक कुछ का सेफ्टी ऑडिट इस माह के अंत तक और कुछ का दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।
शासन की ओर से ब्रिज बैंक बनाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि समय की बचत को देखते हुए तत्काल नए पुलों का निर्माण किया जा सके। प्रमुख सचिव लोनिवि आरके सुधांशु ने बताया कि सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट शासन को प्राप्त हो चुकी है। इसके साथ ही बी क्लास लोडिंग पुलों को ए क्लास लोडिंग और डबल लेन में परिवर्तित किया जाएगा।
इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही प्रदेश के जर्जर एवं पुराने पुलों के बदले विभिन्न वित्त पोषित योजनाओं में जैसे एडीबी, विश्व बैंक, सीआरआईएफ के माध्यम से बदला जाएगा। इसके लिए ब्रिज बैंक बनाने के निर्देश दिए गए हैं।