देहरादून। प्रदेश में कर संग्रहण और राजस्व बढ़ाने के लिए अब सरकार बिजली उपयोग से भी टैक्स चोरी का पता लगाएगी। इसके लिए राज्य कर विभाग के माध्यम से नया अभियान शुरू किया जाएगा। टैक्स चोरी के खिलाफ जुलाई से प्रदेश भर में चलाए गए सत्यापन अभियान से सरकार ने 41.44 करोड़ का टैक्स वसूला है।
चालू वित्तीय वर्ष में अक्तूबर तक राज्य ने एसजीएसटी संग्रहण में 37 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में टैक्स जमा न करने वाले 35413 व्यापारियों की पहचान कर कारोबार सत्यापन के लिए अभियान चलाया गया। जिसमें 41.44 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है।
अब यूपीसीएल, स्टांप एवं रजिस्ट्रीकरण, खनन, कोषागार विभाग के सहयोग से टैक्स चोरी की निगरानी की जाएगी। यूपीसीएल के माध्यम से ऐसी उद्योगों, कारोबारियों की हर महीने उपयोग की जाने वाली बिजली से टैक्स चोरी का पता लगाया जाएगा। यदि कोई उद्योग या कारोबार बिजली का ज्यादा इस्तेमाल कर रहा है तो उत्पादन भी अधिक हो रहा है। जिसमें यह देखा जाएगा कि उत्पादन के हिसाब से टैक्स जमा किया जा रहा है या नहीं।
फर्जी बिलों की निगरानी के लिए केंद्रीयकृत सूचना इकाई का गठन किया गया। साथ ही अब चार्टर्ड अकांउटेंट की सेवाएं भी लेने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार व विभाग के प्रयासों से प्रदेश में कर संग्रहण बढ़ रहा है। बीते वित्तीय वर्ष 2021-22 में अक्तूबर तक कुल एसजीएसटी संग्रहण 3182.91 करोड़ था। जो चालू वित्तीय वर्ष में अक्तूबर तक 4382.45 करोड़ हुआ है। यानी कर संग्रहण में पिछले वर्ष की तुलना में 37 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है।
वित्त मंत्री ने बताया कि प्रदेश में तीर्थाटन व पर्यटन अर्थव्यवस्था की रीढ़ है लेकिन बाहरी पर्यटक अपने राज्य से ही टैक्सी बुकिंग कर उत्तराखंड आते हैं। जिससे टैक्सी बुकिंग से मिलने वाला टैक्स का लाभ उत्तराखंड को नहीं मिलता है। इस मामले को जीएसटी काउंसिल के समक्ष उठाया था। राज्य के इस प्रस्ताव पर काउंसिल की लॉ कमेटी विचार कर रही है। उम्मीद है कि काउंसिल का निर्णय राज्य के पक्ष में आएगा।