हरिद्वार। सिमड़ी बरात बस हादसे को लेकर अधिकारियों की लापरवाही लगातार सामने आ रही है। पहले तो घटना के बीस दिन तक भी बस दुर्घटना में मारे गए लोगों के आश्रितों और घायलों को राहत राशि नहीं दी गई। जब राहत राशि के चेक बांटे भी तो आश्रितों के नाम के बजाय मृतकों के नाम ही काट दिए।
तहसील प्रशासन को जब अपनी गलती का एहसास हुआ तो बृहस्पतिवार सुबह सभी लोगों से चेक वापस ले लिए गए। अब शुक्रवार को दोबारा से चेक दिए जाएंगे। मालूम हो कि 4 अक्तूबर को लालढांग से पौड़ी जिले के कांडा मल्ला गांव के लिए बरात की बस रवाना हुई थी। बीरोंखाल-रिखणीखाल मोटर मार्ग पर सिमड़ी गांव के पास बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। दुर्घटना में 34 लोगों की मौत हो गई थी और 19 लोग घायल हुए थे।
तहसील प्रशासन ने बुधवार को गांव में जाकर न सिर्फ कैंप लगाकर उनके पेंशन और अन्य योजनाओं का लाभ देने के लिए दस्तावेज तैयार किए, बल्कि शाम को 12 मृतक आश्रितों को एक-एक लाख के दो-दो चेक भी दिए थे। खास बात यह है चेक आश्रितों के नाम के बजाय मृतकों के नाम ही काट दिए।
बृहस्पतिवार सुबह जब अधिकारियों को पता चला तो तहसील का कर्मचारी भेजकर सभी चेक वापस ले लिए। ग्रामीणों को बताया गया कि शुक्रवार को दोबारा से चेक दिए जाएंगे। इस मामले में जब प्रशासन का पक्ष जानने के लिए एसडीएम पूरण सिंह राणा और तहसीलदार दयाराम को कई बार फोन किया गया दोनों ही अधिकारियों ने रिसीव नहीं किया।