जोशीमठ (चमोली)। नए शंकराचार्य को लेकर विवाद गरमाता जा रहा है। सोमवार को यहां माता अन्नपूर्णा के दर्शन के लिए पहुंचे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद स्वामी को बाहर ही से दर्शन कर लौटना पड़ा। ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज के मठ की सुरक्षा बढ़ाई गई है। जिसके बाद श्रद्धालुओं के लिए गेट भी बंद कर दिए गए हैं।
जोशीमठ में आज शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज का नागरिक अभिनंदन होना है। उससे पहले पौराणिक मठ की सुरक्षा बढ़ाई गई है। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद स्वामी सुबह जैसे ही पुराने मठ में स्थित अन्नपूर्णा मंदिर में दर्शनों को गए तो यहां मंदिर के मंडप में ताला लगा हुआ था, जबकि मंदिर अंदर से खुला था। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वर नंद मंदिर के बाहर से ही माता के दर्शन कर लौट आए
बता दें, कि सुप्रीम कोर्ट ने पट्टाभिषेक पर रोक लगाई है, लेकिन शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का कहना है कि उनका पट्टाभिषेक हो चुका है। इसलिए अब वह नए शंकराचार्य हैं, लेकिन नए शंकराचार्य को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। ज्योतिर्मठ में आज सोमवार को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज के ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य बनने पर महासम्मेलन का आयोजन होना है। महासम्मेलन को लेकर जोशीमठ नगर से लेकर ज्योतिर्मठ को भव्य रूप से सजाया गया है।
रविवार को ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के साथ ही द्वारका से शंकराचार्य सदानंद सरस्वती महाराज और श्रृंगेरी से विधुशेखर भारती महाराज का बदरीनाथ, केदारनाथ और ज्योतिर्मठ में स्थानीय लोगों के साथ ही संत समाज ने भव्य स्वागत किया।
शनिवार को तीनों शंकराचार्य बदरीनाथ धाम पहुंचे। रविवार को बदरीनाथ धाम के दर्शनों के बाद विशेष पूजाएं आयोजित की गई। सुबह करीब 11 बजे वे हेलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंचे। केदारनाथ में पूजा-अर्चना व दर्शनों के बाद तीनों शंकराचार्य फिर दोपहर में बदरीनाथ धाम पहुंचे।