बोले अधिकारी
एसपी यातायात अक्षय कोंडे का कहना है कि सोमवार को लगने वाले जाम का मुख्य कारण यह है कि बाहरी जिलों से जो कर्मचारी वीकेंड पर देहरादून अपने घर आते हैं, वह वापस ड्यूटी पर जाते हैं और सरकारी कार्यालय खुलने के कारण भी सड़कों पर वाहनों का दबाव बढ़ जाता है। जाम की समस्या से तभी छुटकारा मिल सकेगा, जब इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाया जाएगा। जहां तक सड़कों के किनारे अतिक्रमण की बात है तो नगर निगम के साथ मिलकर अभियान चलाया जा रहा है।
देहरादून। शहर को यातायात जाम से मुक्ति दिलाने के लिए योजनाएं तो कई बनाईं, लेकिन धरातल पर सभी धराशायी हो गईं। हाल ये है कि कभी भी शहर में कहीं भी जाम लग जाता है। सोमवार को भी आमजन को हर तरफ जाम का सामना करना पड़ा। वाहनों की लंबी कतार के बीच फंसे लोग निश्चत समय पर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाए। चौराहों पर यातायात संचालन का काम होमगार्डों के भरोसे पर छोड़ दिया गया, जबकि पुलिसकर्मी बूथों में बैठकर आराम करते दिखाई दिए।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने कार्यभार संभालते ही यातायात व्यवस्था में सुधार करने को प्राथमिकता बताई। यातायात समस्या से निजात दिलाने के लिए उन्होंने सड़कों से अतिक्रमण हटाने के निर्देश भी दिए, लेकिन यातायात पुलिस ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर खानापूर्ति की। द्रोण चौक से तहसील चौक तक दोनों तरफ आधी सड़क अस्थायी अतिक्रमण के कारण घिरी हुई है, जिसके कारण यहां पर चारों तरफ जाम की स्थिति बनी रहती है। इसके अलावा घंटाघर से गांधी पार्क तक एक किनारे दुकानदारों ने सामान बाहर रखा हुआ है, जो किसी जिम्मेदार को शायद दिखाई नहीं देता।
सहारनपुर चौक से प्रिंस चौक के बीच दोनों तरफ वाहन खड़े रहते हैं। कहीं जगह बची तो वहां फुटपाथ पर कब्जे हैं। इसके चलते यहां जाम लगा रहता है। इसके अलावा दुकानों में सामान के लोडिंग-अनलोडिंग का कोई समय निश्चित नहीं है। इस कारण बाजार में हर समय लोडर खड़े रहते हैं, जो जाम का कारण बनते हैं। सबसे व्यस्त चौराहा सहारनपुर चौक पर एक होमगार्ड और प्रिंस चौक पर एक यातायात पुलिसकर्मी व एक होमगार्ड तैनात किया जाता है।
लालपुल से कारगी चौक के बीच श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के बाहर बने बाटलनेक के स्थायी समाधान के लिए यातायात विभाग कोई पुख्ता कदम नहीं उठा पा रहा है। अस्पताल के बाहर दोनों तरफ वाहन खड़े रहते हैं, जिसके कारण पुल के निकट जाम लग जाता है। इसका असर लालपुल से कारगी चौक मार्ग के यातायात पर पड़ता है। डीजीपी अशोक कुमार ने यहां पर नियमित तौर पर पुलिसकर्मी तैनात करने के निर्देश दिए थे, लेकिन यहां कोई पुलिसकर्मी नजर नहीं आता है।
शहर की बात तो दूर। एसएसपी व एसपी यातायात कार्यालय के बाहर ही हर समय जाम की समस्या देखने को मिल रही है। दून अस्पताल की नई बिल्डिंग के बाहर वाहन खड़े होने के चलते यहां अब जाम लगा रहता है। इसके अलावा दून चौक पर हर समय वाहनों की लंबी कतार लगी होती हैं। कोर्ट चौक पर भी अवैध ढंग से वाहनों को सड़क किनारे पार्क किया जाता है, जिसके कारण यहां से निकलना भी किसी चुनौती से कम नहीं है।
राजधानी में यातायात के एसपी व यातायात निदेशक होने के बावजूद जोगीवाला में लगने वाले जाम का समाधान नहीं निकाला जा रहा है। मोहकमपुर फ्लाईओवर से वाहन अपनी स्पीड में आते हैं, लेकिन जोगीवाला चौक के आसपास जाम के कारण घंटों फंसे होते हैं। जाम लगने की स्थिति में यातायात पुलिस कुछ कर्मचारियों को भेजकर जाम खुलवाने का प्रयास करता है, लेकिन इसके स्थायी समाधान पर कोई योजना तैयार नहीं की जा रही है।
यातायात की समस्या दूर करने के लिए सिटी पेट्रोलिंग यूनिट (सीपीयू) का गठन किया था, लेकिन जाम के समय सीपीयू व यातायात पुलिस दोनों ही गायब रहते हैं। अधिकतर यातायात पुलिसकर्मियों व होमगार्ड की ड्यूटी भी क्लेंप भी लगाई जा रही है। क्लेंप की कार्रवाई भी उन जगहों पर की जा रही है, जहां पर जाम नहीं लगता। सुभाष रोड, प्रिंस चौक, घंटाघर, दर्शनलाल चौक, लालपुल से कारगी चौक की तरफ क्लेंप की कार्रवाई ना के बराबर होती है।