
उत्तराखंड के चौबट्टाखाल क्षेत्र में लगातार बाघ के हमलों से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बन गया है। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने प्रशासन और वन विभाग को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मंत्री के निर्देश के बाद अब वन विभाग ने पिंजरे लगाने के साथ एक अनुभवी शूटर को भी इलाके में तैनात कर दिया है, जिसे आदमखोर घोषित बाघ को मारने की अनुमति ली जाने के बाद कार्रवाई करनी है। स्थानीय लोगों में यह निर्णय राहत की उम्मीद जगाता है, क्योंकि पिछले कुछ दिनों से बाघ के हमले बढ़ते हुए जान-माल की गंभीर चिंता पैदा कर रहे हैं।
चौबट्टाखाल विधानसभा क्षेत्र में 13 नवंबर को विकासखंड पोखड़ा के बगड़ीगाड गांव में रानी देवी पर बाघ ने हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया था। इसके अगले ही दिन ग्राम घंडियाल की प्रभा देवी भी बाघ के हमले का शिकार हो गईं। लगातार हुए इन हमलों ने प्रशासन और वन विभाग को सतर्क कर दिया, जिसके बाद मंत्री महाराज ने जिलाधिकारी पौड़ी और डीएफओ को तत्काल अनुमति प्रक्रिया पूरी कर शूटर को तैनात करने के आदेश जारी किए।
मंत्री ने यह भी स्पष्ट निर्देश दिए कि जंगली जानवरों के हमलों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए वन विभाग को ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए ठोस और त्वरित उपाय करने चाहिए। उन्होंने विभाग से कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाई जाए, गश्त तेज की जाए, और ऐसी व्यवस्थाएँ की जाएँ जिससे लोग सुरक्षित रह सकें। इसके साथ ही उन्होंने बाघ के हमले से प्रभावित परिवारों को बिना देरी मुआवजा उपलब्ध कराने को प्राथमिकता देने के आदेश दिए।
बाघ की दहशत से जूझ रहे इस क्षेत्र में शूटर की तैनाती और प्रशासनिक सक्रियता से लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही स्थिति पर काबू पाया जाएगा और ग्रामीण जीवन सामान्य हो सकेगा।







