
देहरादून। देहरादून में उपनल कर्मियों के चल रहे नियमितीकरण आंदोलन के बीच एक दर्दनाक घटना सामने आई, जिसने पूरे धरनास्थल को शोक में डुबो दिया। उपनल कर्मचारी नीलम डोभाल, जो जिला निर्वाचन कार्यालय देहरादून में कनिष्ठ सहायक के रूप में तैनात थीं, रविवार सुबह अचानक मृत्यु का शिकार हो गईं। नीलम घर से धरनास्थल के लिए निकल ही रही थीं कि तभी अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और उन्होंने वहीं अंतिम सांस ली। हालांकि यह घटना धरनास्थल पर नहीं हुई, लेकिन उनके निधन की खबर मिलते ही आंदोलनरत उपनल कर्मियों में गहरा आक्रोश और शोक फैल गया। कर्मचारियों ने धरनास्थल पर दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
संयुक्त मोर्चा के प्रदेश संयोजक विनोद डोभाल ने बताया कि नीलम पिछले कई दिनों से अत्यधिक मानसिक तनाव में थीं। नीलम और उनके पति दोनों उपनल कर्मी हैं और 10 नवंबर से चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल का हिस्सा बने हुए थे। आंदोलन के दबाव, भविष्य की अनिश्चितता और नियमितीकरण को लेकर चल रही चिंता ने उन्हें मानसिक रूप से बेहद प्रभावित किया था, जिसकी वजह से उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई।
इस बीच, नियमितीकरण और समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग को लेकर उपनल कर्मचारियों का धरना सातवें दिन भी जारी है। कर्मचारियों ने कहा कि विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक और कर्मचारी संगठनों से उन्हें लगातार समर्थन मिल रहा है, जिससे उनका आंदोलन और मजबूत होता जा रहा है। उपनल कर्मी राज्य स्थापना दिवस के अगले ही दिन से देहरादून में धरने पर बैठे हैं और उन्होंने स्पष्ट कहा है कि जब तक सरकार कोई ठोस निर्णय नहीं लेती, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
इसी बीच आंदोलन से जुड़े एक महत्वपूर्ण कानूनी पहलू ने भी सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार की रिव्यू पिटीशन खारिज कर दी है। इससे पहले नैनीताल हाईकोर्ट उपनल कर्मियों के नियमितीकरण के लिए नियमावली बनाने का आदेश दे चुका है। लेकिन नियमावली का गठन न होने पर कर्मचारियों ने पहले ही अवमानना याचिका दाखिल कर रखी है, जिससे सरकार पर तुरंत और स्पष्ट फैसले लेने का दबाव बढ़ चुका है।
नीलम की मौत ने आंदोलन को भावनात्मक मोड़ दे दिया है। कर्मचारियों का कहना है कि वर्षों से उपनल व्यवस्था के तहत शोषण झेल रहे हजारों कर्मचारी असुरक्षा और अनिश्चितता की इस स्थिति में मानसिक तनाव झेलने को मजबूर हैं। उनका कहना है कि यदि सरकार समय रहते उनकी मांगों पर निर्णय लेती, तो शायद इस तरह की दुखद घटनाओं से बचा जा सकता था।
उपनल कर्मियों ने सरकार से अपील की है कि नीलम डोभाल के परिवार को तत्काल सहायता प्रदान की जाए और नियमितीकरण की दिशा में तुरंत ठोस निर्णय लेकर इस दर्दनाक माहौल को समाप्त किया जाए।




