
देहरादून| मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई उत्तराखंड मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस बैठक में प्रदेश सरकार ने “देवभूमि परिवार योजना” लागू करने का बड़ा फैसला किया है। इस योजना के तहत राज्य में निवास कर रहे प्रत्येक परिवार की एक विशिष्ट पहचान (आईडी) तैयार की जाएगी। यह आईडी परिवारों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति से संबंधित आंकड़ों को एकीकृत करेगी, जिससे विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ लक्षित रूप से जनता तक पहुंच सके।
बैठक में कुल 12 प्रस्तावों पर चर्चा हुई, जिनमें से सभी को मंजूरी दे दी गई। इनमें सबसे प्रमुख प्रस्ताव उपनल (उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम) से संबंधित रहा। सरकार ने निर्णय लिया है कि अब उपनल के माध्यम से युवाओं को विदेशों में भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। यह कदम राज्य के बेरोजगार युवाओं के लिए नए द्वार खोलेगा और कौशल आधारित रोजगार को बढ़ावा देगा।
कैबिनेट बैठक में यह भी तय किया गया कि आपदा में मृतक आश्रितों को अब चार लाख के बजाय पाँच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसी प्रकार, किसी आपदा में पक्का मकान ध्वस्त होने पर भी प्रभावित परिवारों को पाँच लाख रुपये की मदद दी जाएगी।
बैठक में दैनिक, संविदा और तदर्थ कर्मचारियों के नियमितीकरण के विषय में मंत्रिमंडल की एक उपसमिति गठित करने का निर्णय हुआ है। यह समिति दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी और नियमितीकरण के लिए “कट-ऑफ डेट” निर्धारित करेगी। इसके अतिरिक्त, उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम के कर्मचारियों के वेतन और सेवा शर्तों से जुड़े मामलों की समीक्षा के लिए भी एक अलग उपसमिति बनाई जाएगी।
कैबिनेट के इन निर्णयों को प्रदेश सरकार की जन-कल्याणकारी नीति की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। “देवभूमि परिवार योजना” राज्य में पारिवारिक पहचान प्रणाली को मजबूत करेगी, जबकि उपनल से विदेशों तक रोजगार उपलब्ध कराने की पहल उत्तराखंड के युवाओं को वैश्विक अवसरों से जोड़ेगी।




