
देहरादून। राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर आयोजित उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र अब तीसरे दिन में प्रवेश कर गया है। प्रारंभिक रूप से दो दिवसीय प्रस्तावित इस सत्र को सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की सहमति से एक दिन के लिए और बढ़ा दिया गया, ताकि राज्य के 25 वर्षों की उपलब्धियों और आने वाले वर्षों के विकास रोडमैप पर व्यापक चर्चा की जा सके।
विधानसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि उत्तराखंड की उपलब्धियों, चुनौतियों और भावी योजनाओं पर सभी दलों को विस्तार से बोलने का अवसर दिया जाएगा। सत्र में प्रदेश के विभिन्न मंत्रियों और विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि बीते ढाई दशकों में उत्तराखंड ने शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, उद्योग, सड़क और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। वहीं विपक्ष के सदस्यों ने राज्य की उपलब्धियों के साथ-साथ उन चुनौतियों की ओर भी इशारा किया, जिन पर अभी और गंभीरता से काम किए जाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सत्र के दौरान कहा कि यह अवसर उत्तराखंड की यात्रा को आत्ममंथन के साथ आत्मविश्वास से देखने का है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य वर्ष 2047 तक राज्य को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करना है। इसके लिए “विकसित उत्तराखंड रोडमैप” तैयार किया जा रहा है, जिसमें पर्यटन, रोजगार, महिला सशक्तिकरण, स्वरोजगार, पर्वतीय कृषि और डिजिटल सेवाओं के विस्तार जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं।
विधानसभा में बहस के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कई मुद्दों पर तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली। विपक्ष ने राज्य के पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों के बीच विकास असंतुलन, युवाओं के पलायन और पर्यावरणीय चुनौतियों को लेकर चिंता व्यक्त की। इस पर जवाब देते हुए कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड के हर क्षेत्र का विकास सरकार की प्राथमिकता में है और “हम सब उत्तराखंडी हैं” की भावना के साथ समग्र विकास की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।
रुद्रप्रयाग के विधायक भरत चौधरी ने अपने वक्तव्य में कहा कि इस विशेष सत्र में राज्य की बीते 25 वर्षों की उपलब्धियों पर चर्चा से आगे का मार्ग स्पष्ट हुआ है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सत्र में हुए विमर्श से आने वाले वर्षों में उत्तराखंड और तेज गति से विकास की ओर बढ़ेगा तथा पहाड़ और मैदान दोनों का संतुलित उत्थान सुनिश्चित किया जाएगा। तीसरे दिन भी सदन में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों, विधायकों और मंत्रियों के विचार रखे जाने की संभावना है। सत्र के समापन पर मुख्यमंत्री धामी राज्य के विकास पथ और आगामी योजनाओं का सार प्रस्तुत करेंगे।




