
देहरादून | उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन क्षेत्र के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए कुक्कुट विकास नीति 2025 को मंजूरी दे दी है। इस नीति के साथ ही शासन ने इसका मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी जारी कर दी है। इस कदम से राज्य में अंडे और चिकन के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा तथा उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे पड़ोसी राज्यों पर निर्भरता काफी हद तक कम होगी।
नीति के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में कुक्कुट पालन को प्रोत्साहित करने के लिए 40 प्रतिशत और मैदानी इलाकों में 30 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी। पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि यह नीति राज्य में आत्मनिर्भरता और ग्रामीण आजीविका को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
जारी शासनादेश के अनुसार, यह नीति 31 दिसंबर 2030 तक या नई नीति लागू होने तक प्रभावी रहेगी। सरकार आवश्यकता पड़ने पर इसकी अवधि को बढ़ाने या घटाने का अधिकार अपने पास रखेगी। नीति पूरे उत्तराखंड में लागू होगी और भविष्य की सभी योजनाओं के लिए दिशा-निर्देश का कार्य करेगी।
कुक्कुट विकास नीति में दो प्रकार के पोल्ट्री फार्मों की स्थापना का प्रावधान किया गया है —
- व्यवसायिक लेयर फार्म, जिसके लिए पर्वतीय क्षेत्रों में 15,000 कुक्कुट तक पर अधिकतम 48 लाख रुपये और मैदानी क्षेत्रों में 30,000 कुक्कुट तक पर 54 लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी।
- ब्रायलर पेरेंट फार्म, जिसके लिए पर्वतीय क्षेत्रों में 5,000 कुक्कुट तक पर 56 लाख रुपये, और मैदानी क्षेत्रों में 10,000 कुक्कुट तक पर 63 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी।
इसके अतिरिक्त, पर्वतीय क्षेत्रों में फीड ट्रांसपोर्ट पर 10 रुपये प्रति यूनिट की सब्सिडी देने का भी प्रावधान रखा गया है ताकि वहां के किसानों को परिवहन लागत में राहत मिल सके।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि आवेदन प्रक्रिया ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर की जाएगी। जो भी आवेदक नीति में निर्धारित पात्रता मानदंडों को पूरा करेंगे और समय पर पूर्ण दस्तावेज जमा करेंगे, उन्हें योजना में प्राथमिकता दी जाएगी।
पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि यह नीति राज्य की आर्थिक मजबूती की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार महिलाओं के लिए भी विशेष योजनाएं चला रही है, जिनमें महिला बकरी पालन योजना के तहत 100 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। अकेली रह रही महिला, विधवा, निराश्रित और परित्यक्ता महिलाएं इस योजना का लाभ उठा सकती हैं।
कुल मिलाकर, कुक्कुट विकास नीति 2025 उत्तराखंड में न केवल कृषि-आधारित उद्योगों को बल देगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वावलंबन और उद्यमिता की नई राह भी खोलेगी।




