
देहरादून। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की अंक सुधार परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया। इस परीक्षा में हाईस्कूल के 81.38 प्रतिशत और इंटरमीडिएट के 76 प्रतिशत परीक्षार्थी सफल घोषित किए गए हैं।
अंक सुधार परीक्षा का परिणाम अगस्त माह में घोषित होना प्रस्तावित था, लेकिन लगातार कई कारणों से इसमें देरी होती रही। पहले पंचायत चुनाव की प्रक्रिया, फिर प्रदेश में आई आपदा और उसके बाद राजकीय शिक्षक संघ द्वारा उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन का बहिष्कार करने से परीक्षा परिणाम अटक गए। अंततः अशासकीय विद्यालयों के शिक्षकों की मदद से उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराया गया और अब परिणाम घोषित किए गए हैं।
हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मुख्य परीक्षा में असफल या कम अंक पाने वाले विद्यार्थियों को दोबारा मौका देने के लिए यह परीक्षा कराई गई थी। हाईस्कूल में दो विषय और इंटरमीडिएट में एक विषय में अनुत्तीर्ण छात्रों को भी इस परीक्षा के माध्यम से सफलता प्राप्त करने का अवसर दिया गया। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया दो मई से 21 मई तक चली थी। इस दौरान हाईस्कूल के कुल 8400 और इंटरमीडिएट के 10706 छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया।
राज्यभर में चार से 11 अगस्त तक अंक सुधार परीक्षा आयोजित की गई। इसके लिए कुल 97 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। परीक्षा समाप्त होने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि अगस्त माह में ही परिणाम घोषित हो जाएगा, लेकिन परिस्थितियां अनुकूल न होने के कारण इसमें लंबी देरी हुई। अब परिणाम आने से छात्र-छात्राओं को बड़ी राहत मिली है।
परिषद के अधिकारियों के अनुसार इस परीक्षा में उत्तीर्ण हुए विद्यार्थियों को उनके अंकपत्र और प्रमाण पत्र विद्यालयों के माध्यम से उपलब्ध कराए जाएंगे। वहीं जिन छात्रों को अपेक्षित परिणाम नहीं मिला है, उनके लिए आगे की कक्षाओं में प्रवेश या पुनः प्रयास की संभावना बनी हुई है।
इस परीक्षा परिणाम से यह भी स्पष्ट होता है कि बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने अतिरिक्त मेहनत कर सफलता अर्जित की है। हाईस्कूल स्तर पर जहां 81.38 प्रतिशत बच्चों ने सफलता पाई, वहीं इंटरमीडिएट स्तर पर 76 प्रतिशत छात्र-छात्राओं ने अपनी मेहनत से अपनी राह आसान की है।