
गोपालगंज (बिहार)। कटेया थाना क्षेत्र के पटखौली गांव में सोमवार देर रात एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया। गांव निवासी जुगुल गुप्ता के 18 वर्षीय पुत्र कृष्णा गुप्ता, जो इंटरमीडिएट का छात्र था, को अपराधियों ने चाकू मारकर हत्या कर दी। मृतक का शव बाद में उसके घर के दरवाजे पर फेंक दिया गया। घटना के तुरंत बाद पूरे गांव और आसपास के इलाकों में तनाव फैल गया। ग्रामीणों ने पकहा बाजार के समीप मुख्य सड़क जाम कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग शुरू कर दी।
जानकारी के अनुसार, मृतक कृष्णा को गांव की एक लड़की ने फोन कर देर शाम बाहर बुलाया था। इसी दौरान आरोपियों ने योजनाबद्ध तरीके से उस पर हमला किया और चाकू मारकर हत्या कर दी। हत्या के बाद आरोपी फरार हो गए। इस घटना से ग्रामीणों में गुस्सा फैल गया और उन्होंने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया।
सूचना मिलने पर पुलिस उपाधीक्षक आनंद मोहन गुप्ता और थानाध्यक्ष रजनीश प्रकाश पांडेय पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और ग्रामीणों को शांत करने का प्रयास किया। हालांकि, गुस्साए ग्रामीणों ने गिरफ्तार आरोपियों की पिटाई कर दी, जिससे पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प हुई। इस झड़प में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और पुलिस वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए।
स्थिति बिगड़ती देख जिलाधिकारी पवन कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक अवधेश दीक्षित भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने ग्रामीणों और मृतक के परिजनों से बातचीत कर माहौल को शांत कराया। इसके बाद ग्रामीणों ने सड़क जाम हटा दिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा और पूरे गांव में सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात किया गया।
पुलिस अधिकारी एसपी अवधेश दीक्षित ने बताया कि हत्या मामले में अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरफ्तार आरोपियों में शबाना और हशरफ शामिल हैं। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। उन्होंने कहा कि मामला संवेदनशील है और हर पहलू की गंभीरता से जांच की जा रही है। जल्द ही पूरे हत्याकांड का खुलासा किया जाएगा।
घटना के कारण स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस समय पर सक्रिय नहीं हुई, जिससे यह घटना घटित हुई। वहीं, अधिकारियों ने परिजनों को न्याय का भरोसा दिलाया है और कहा कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा और कानून के अनुसार दंडित किया जाएगा।
यह घटना न केवल गोपालगंज जिले में सुरक्षा और कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि ग्रामीण इलाकों में किशोरों और युवाओं की सुरक्षा की आवश्यकता को भी उजागर करती है। पुलिस की कार्रवाई, दोषियों की गिरफ्तारी और समुदाय के सहयोग से ही ऐसे संवेदनशील मामलों में न्याय सुनिश्चित किया जा सकता है।