
देहरादून | प्रदेश की 20 हजार से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए राज्य सरकार ने बड़ी राहत की घोषणा की है। अब उनकी पदोन्नति का रास्ता आसान होने जा रहा है। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने स्पष्ट किया है कि सुपरवाइजर पदों पर पदोन्नति के लिए नियमावली में संशोधन किया जाएगा और यह प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट के समक्ष लाया जाएगा।
वर्तमान स्थिति
वर्तमान में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की पदोन्नति के लिए निम्नलिखित व्यवस्था है—
- सुपरवाइजर के 40% पदों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की पदोन्नति होती है।
- 10% कोटा मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए है।
- शेष 50% पदों को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) के माध्यम से सीधी भर्ती से भरा जाता है।
क्यों हो रहा है बदलाव?
प्रदेश में केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद सभी 5120 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों का उच्चीकरण कर उन्हें आंगनबाड़ी केंद्र बना दिया गया है। इसके चलते मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के पद समाप्त हो गए हैं। ऐसे में 10 प्रतिशत कोटे का कोई औचित्य नहीं बचा। अब सरकार इस कोटे को संशोधित कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रमोशन कोटा 50% करने की तैयारी में है।
सरकार का तर्क और लाभ
मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि नई नियमावली लागू होने के बाद—
- हर साल सुपरवाइजर के खाली पदों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की पदोन्नति सुनिश्चित होगी।
- पहले कार्यकर्ताओं को 10 से 20 साल तक इंतजार करना पड़ता था, कई बार तो वे एक ही पद पर कार्यरत रहते हुए सेवानिवृत्त हो जाती थीं।
- अब समय पर पदोन्नति से न सिर्फ उनका मनোবल बढ़ेगा, बल्कि उन्हें अधिक जिम्मेदारी निभाने का अवसर भी मिलेगा।
महिला सशक्तीकरण की दिशा में कदम
रेखा आर्या ने कहा कि यह संशोधन प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए सशक्तिकरण का बड़ा कदम होगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लंबे समय से पदोन्नति में पारदर्शिता और अवसर की मांग कर रही थीं। सरकार चाहती है कि अब कोई भी कार्यकर्ता अपने करियर के दौरान बिना पदोन्नति पाए सेवानिवृत्त न हो।