
लालकुआं | लालकुआं क्षेत्र के समाजसेवी और प्रॉपर्टी डीलर महेश जोशी (54 वर्ष) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद सोमवार को पूरे इलाके में आक्रोश फैल गया। महेश जोशी ने बीते 20 सितंबर को तहसील परिसर में ही जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया था। इलाज के लिए बरेली राममूर्ति अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद सोमवार को उनका निधन हो गया।
उनकी मौत के बाद क्षेत्रवासियों और परिजनों ने शव कोतवाली के बाहर रखकर चार घंटे तक जोरदार प्रदर्शन किया। भीड़ ने मृतक को न्याय दिलाने और सुसाइड नोट में नामजद महिला पटवारी पूजा रानी समेत दोषियों पर तुरंत कार्रवाई की मांग की।
आत्महत्या की कोशिश और मौत तक का घटनाक्रम
- 20 सितंबर 2025 को महेश जोशी ने लालकुआं तहसील परिसर में ही जहर खा लिया था।
- उन्हें अर्ध-बेहोशी की हालत में तहसील के समीप वाहन के पास पड़ा पाया गया।
- पहले हल्द्वानी और फिर बरेली के भोजीपुरा स्थित राममूर्ति अस्पताल में भर्ती कराया गया।
- इलाज के दौरान सोमवार को उनकी मौत हो गई।
परिजनों का आरोप है कि उनकी जेब से बरामद सुसाइड नोट में महेश जोशी ने अपनी मौत का जिम्मेदार राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारियों को ठहराया है। इसमें महिला पटवारी पूजा रानी का नाम प्रमुखता से दर्ज है।
शव के पहुंचते ही भड़का गुस्सा
सोमवार शाम लगभग 5 बजे जब उनका शव बरेली से लालकुआं लाया गया और कोतवाली के बाहर वाहन रुका तो देखते ही देखते सैकड़ों लोग जमा हो गए। लोगों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि जब तक आरोपित पटवारी को गिरफ्तार नहीं किया जाता, शव नहीं उठाया जाएगा।
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में ग्रामीणों के साथ क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और समाजसेवी भी शामिल हुए। धरनास्थल पर कनिष्ठ प्रमुख कमल भंडारी, ग्राम प्रधान रुक्मणी नेगी, वरिष्ठ समाजसेवी हेमवती नंदन दुर्गापाल, इंदर सिंह बिष्ट, रमेश जोशी, राधा कैलाश भट्ट, उमेश फुलारा, मुकेश दुम्का, पीयूष जोशी समेत सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।
प्रशासन से टकराव और बातचीत
प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रशासन ने लोगों को समझाने की कोशिश की। कोतवाल दिनेश सिंह फर्त्याल समेत पुलिस अधिकारियों ने भीड़ को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण केवल गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे।
बाद में हल्द्वानी सिटी मजिस्ट्रेट, लालकुआं एसडीएम, पुलिस सीओ और क्षेत्रीय विधायक डॉ. मोहन बिष्ट मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से लंबी वार्ता की, लेकिन ग्रामीण अपने रुख से पीछे हटने को तैयार नहीं हुए।
दबाव में हुई गिरफ्तारी
आखिरकार ग्रामीणों के दबाव में पुलिस ने महिला पटवारी पूजा रानी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और उसे रामनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी की पुष्टि के लिए ग्रामीणों को वीडियो कॉल के जरिए दृश्य दिखाया गया। इसके बाद ही प्रदर्शनकारियों ने रात लगभग 9 बजे शव उठाया और अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए।
उठते सवाल और प्रशासन पर आरोप
महेश जोशी प्रॉपर्टी डीलिंग के साथ-साथ समाजसेवी कार्यों में भी सक्रिय थे। उनकी अचानक हुई मौत से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। उनके परिवार में पत्नी, दो पुत्र और दो पुत्रियां हैं।
ग्रामीणों और परिजनों का सवाल है कि—
- जब तहसील परिसर में महेश जोशी ने जहर खाया तो प्रशासनिक कर्मचारियों को इसकी भनक क्यों नहीं लगी?
- क्या विभागीय स्तर पर गंभीर लापरवाही हुई है?
- क्या मृतक पर लगातार दबाव डाला जा रहा था, जिसके कारण उन्होंने यह कदम उठाया?
इन सवालों ने तहसील प्रशासन और राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर संदेह खड़े कर दिए हैं।