
भराड़ीसैंण (गैरसैंण) स्थित उत्तराखंड विधानसभा में मंगलवार को मानसून सत्र का आगाज भारी हंगामे और तीखी नोकझोंक के साथ हुआ। चार दिवसीय सत्र के पहले ही दिन विपक्ष ने कानून-व्यवस्था, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर जमकर विरोध दर्ज कराया। स्थिति यहां तक बिगड़ी कि सदन की कार्यवाही को दिनभर में सात बार स्थगित करना पड़ा।
हंगामे के बीच पेश हुआ अनुपूरक बजट
लगातार विरोध-प्रदर्शन और शोर-शराबे के बावजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शाम को 5315 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट सदन पटल पर रखा। इसके साथ ही सरकार ने नौ अहम विधेयक भी सदन में प्रस्तुत किए। बजट पेश करने के बाद सदन की कार्यवाही को बुधवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दिया गया।
विपक्ष का तीखा प्रदर्शन
सुबह 11 बजे जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। कांग्रेस विधायकों ने सचिव की टेबल पलटने की कोशिश की और माइक तोड़ दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने कार्यसूची फाड़कर सदन में उछाली और वेल में धरने पर बैठ गए। बार-बार के हंगामे से नाराज विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण कृत्य है।
पेश हुए ये नौ विधेयक
सदन में धामी सरकार ने कुल नौ विधेयक पेश किए, जिनमें प्रमुख हैं—
- उत्तराखंड विनियोग 2025-26 का अनुपूरक विधेयक
- श्री बदरीनाथ एवं श्री केदारनाथ मंदिर अधिनियम संशोधन विधेयक 2025
- धर्म स्वतंत्रता एवं विधि विरुद्ध प्रतिषेध संशोधन विधेयक 2025
- निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2025
- साक्षी संरक्षण निरसन विधेयक 2025
- अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक 2025
- समान नागरिक संहिता उत्तराखंड संशोधन विधेयक 2025
- पंचायती राज संशोधन विधेयक 2025
- लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक 2025
श्रद्धांजलि और अन्य कार्यवाही
सत्र की शुरुआत में दिवंगत पूर्व विधायक मुन्नी देवी को श्रद्धांजलि दी गई। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य सहित कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, धन सिंह रावत और सौरभ बहुगुणा ने उन्हें याद किया।
सीएम धामी का पलटवार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “सदन जनता की आवाज उठाने का मंच है, लेकिन कांग्रेस ने कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाकर लोकतंत्र का अपमान किया है। जनता सब देख रही है। हमारी सरकार बहस और चर्चा के लिए तैयार थी, लेकिन विपक्ष मुद्दों पर संवाद से भाग रहा है।”
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा को पंचायत चुनावों से लेकर लोकसभा और निकाय चुनावों में जनता का अपार समर्थन मिला है, जिससे विपक्ष निराश होकर इस तरह की हरकतें कर रहा है।
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
सत्र से पहले ही भराड़ीसैंण में धारा 163 लागू कर दी गई थी और प्रदर्शन-धरनों पर रोक थी। विधानसभा परिसर और आसपास 804 पुलिसकर्मियों को सुरक्षा में तैनात किया गया।