
किश्तवाड़ (जम्मू-कश्मीर) | जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ ज़िले के चोसोटी गांव में गुरुवार सुबह हुए भीषण बादल फटने ने पूरे इलाके में तबाही मचा दी। अब तक 33 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 220 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। 120 से अधिक लोग घायल हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर है। प्रशासन, सेना, वायुसेना और एनडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं, लेकिन तेज़ बारिश और ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी इलाका काम में बड़ी बाधा बन रहा है।
मचैल माता यात्रा पर भी असर
यह आपदा माता चंडी मंदिर की मचैल माता यात्रा मार्ग पर आई, जिससे श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी मच गई। हादसे के बाद वार्षिक यात्रा को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है। तीर्थयात्री सुरक्षित स्थानों पर भेजे जा रहे हैं और प्राथमिकता बचाव कार्य को दी जा रही है।
प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा —
“जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने और बाढ़ से प्रभावित सभी लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएँ और प्रार्थनाएँ। स्थिति पर कड़ी नज़र रखी जा रही है। ज़रूरतमंदों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।”
गृहमंत्री अमित शाह ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री से बातचीत कर बचाव कार्यों की जानकारी ली और हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से फोन पर संपर्क कर स्थिति की जानकारी ली।
राहत और बचाव कार्य
- एनडीआरएफ की 2 टीमें उधमपुर से घटनास्थल रवाना
- वायु सेना अलर्ट पर, हेलीकॉप्टर के जरिए फंसे लोगों को निकाला जा रहा
- स्थानीय पुलिस, सेना और प्रशासन मलबा हटाने और लापता लोगों की खोज में जुटे
- पीड़ित परिवारों के लिए अस्थायी राहत शिविर स्थापित किए गए
उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा के अनुसार, पहाड़ी की तलहटी में बसी बस्ती पर अचानक आई बाढ़ और मलबे का सैलाब टूट पड़ा, जिससे कई घर बह गए या क्षतिग्रस्त हो गए।
गांव में मातम का माहौल
घटना के बाद पूरे किश्तवाड़ ज़िले में मातम पसरा हुआ है। लापता लोगों के परिजन घटनास्थल के पास किसी चमत्कार की उम्मीद में डटे हुए हैं। राहत शिविरों में महिलाओं और बच्चों के लिए प्राथमिक चिकित्सा और भोजन की व्यवस्था की गई है।