
उत्तरकाशी| उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले में गंगोत्री धाम की ओर जा रहे हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के दो महीने बाद, विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी है। इस रिपोर्ट में दुर्घटना का कारण आपातकालीन लैंडिंग के प्रयास के दौरान ओवरहेड फाइबर केबल से टकराना बताया गया है। यह हादसा 8 मई 2025 को उत्तरकाशी के गंगनानी क्षेत्र में हुआ था, जिसमें छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि एक यात्री गंभीर रूप से घायल हुआ था।
हादसे की जांच रिपोर्ट में क्या कहा गया?
AAIB की रिपोर्ट के मुताबिक, हेलिकॉप्टर पायलट रॉबिन सिंह ने तकनीकी कारणों के चलते आपात लैंडिंग का प्रयास किया था। पायलट ने उत्तरकाशी-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर लैंड करने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान हेलिकॉप्टर का मुख्य रोटर सड़क किनारे चल रही ओवरहेड फाइबर केबल से टकरा गया। इस टक्कर के तुरंत बाद हेलिकॉप्टर नियंत्रण खो बैठा और ज़मीन पर गिरकर दो टुकड़ों में बंट गया। हालांकि जब उत्तरकाशी जिला प्रशासन से इस रिपोर्ट के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने ऐसी किसी रिपोर्ट की आधिकारिक जानकारी से इनकार कर दिया है।
हादसे की भयावहता और बचाव कार्य
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा इतना भीषण था कि हेलिकॉप्टर दो हिस्सों में टूट गया। उसमें सवार पांच लोग मौके पर ही हेलिकॉप्टर से बाहर छिटक गए, जिनमें से दो शवों की स्थिति अत्यंत खराब थी। दो अन्य शव हेलिकॉप्टर के अंदर फंसे रह गए, जिन्हें निकालने के लिए बचाव दल को हेलिकॉप्टर काटकर शव बाहर निकालने पड़े। हादसा एक खाई के किनारे हुआ था, और वहां खड़ी चट्टानों के कारण राहत और बचाव अभियान में भारी दिक्कतें आईं।
हादसे में जान गंवाने वाले यात्री
- काला सोनी (महिला, 61 वर्ष), मुंबई
- विजया रेड्डी (महिला, 57 वर्ष), मुंबई
- रुचि अग्रवाल (महिला, 56 वर्ष), मुंबई
- राधा अग्रवाल (महिला, 79 वर्ष), उत्तर प्रदेश
- वेदवती कुमारी (महिला, 48 वर्ष), आंध्र प्रदेश
- रॉबिन सिंह (पुरुष, 60 वर्ष), गुजरात – पायलट
घायल यात्री
- मस्तू भास्कर (पुरुष, 51 वर्ष), आंध्र प्रदेश – गंभीर रूप से घायल
DGCA भी कर रही है अलग से जांच
उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण ने हादसे के तुरंत बाद नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) को सूचना दी थी। इसके बाद DGCA की विशेषज्ञ टीम और नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से भी इस हादसे की अलग से जांच की जा रही है।
सवाल अब भी बाकी हैं
हालांकि AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट में दुर्घटना का कारण सामने आ चुका है, लेकिन ओवरहेड केबल के चिन्हित न होने, उड़ान अनुमति प्रक्रिया, तकनीकी निगरानी और सुरक्षा उपायों की चूक जैसे कई सवाल अभी भी जांच के घेरे में हैं। हेलिकॉप्टर यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर प्रशासन और विमानन एजेंसियों की जिम्मेदारी पर गंभीर प्रश्न उठे हैं।