
देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाए जाने को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि यदि 2027 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मौका मिला तो गैरसैंण को राजधानी बनाया जाएगा। हरीश रावत ने लिखा कि कुछ लोग पूछते हैं कि जब उन्हें मौका मिला था तो उन्होंने गैरसैंण को राजधानी क्यों नहीं बनाया। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में गैरसैंण के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया गया। कांग्रेस सरकार के समय वहां 2500 लोगों के ठहरने की क्षमता विकसित की गई, जबकि पहले वहां रात में 20 लोग भी नहीं रुक सकते थे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने 57 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया, एजेंसी तय की और भराड़ीसैंण में विधानसभा भवन की आधारशिला रखी। साथ ही पांच हजार लोगों की आवासीय क्षमता वाले भवन के निर्माण का कार्य भी शुरू कराया गया। हरीश रावत ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए गन्ना किसानों की समस्याएं भी उठाईं। उन्होंने कहा कि पहले गन्ने का मूल्य घोषित करने में विलंब होता था, लेकिन अब तो स्थिति यह है कि राज्य सरकार ने अभी तक पिछले गन्ने का मूल्य ही घोषित नहीं किया है।
यह पहली बार हो रहा है कि किसान पुराने रेट पर भुगतान पाने को मजबूर हैं, जबकि नया गन्ना खेतों में तैयार हो चुका है। किसानों की मांग है कि गन्ने का मूल्य 450 रुपये प्रति क्विंटल किया जाए। हरीश रावत के इस बयान के बाद गैरसैंण को राजधानी बनाने की बहस एक बार फिर तेज हो गई है, जो राज्य निर्माण के समय से ही एक बड़ा राजनीतिक और भावनात्मक मुद्दा रहा है।