
लक्सर। रकीब ने न केवल अपने देश से दगा किया बल्कि अपने पेशे और तीन पीढ़ियों की साख को भी दांव पर लगा दिया है। डोसनी गांव निवासी रकीब के परिवार की तीन पीढ़िया सैन्यकर्मियों की वर्दी और कपड़ों की सिलाई के काम से जुड़ी हैं। रकीब के दादा असगर ने वर्षों पहले बठिंडा में सैन्य वर्दी सिलाई का काम शुरू किया था। इसके बाद उसके पिता इकबाल ने उनका काम संभाला। इकबाल के पांचों बेटों रईस, नासिर, आकिल, नाजिम और रकीब ने भी अपने दादाइलाही काम को अपनाते हुए उनसे सिलाई का हुनर सीखकर इसी पेशे को अपनाया।
पांच भाइयों में रईस राजस्थान के सूरतगढ़, नासिर और नाजिम पंजाब के अमृतसर, आकिल उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद और रकीब बठिंडा में पिता के साथ सैनिकों की पोशाक सिलने का काम करता है। रकीब लगभग 12 साल पहले अपने पिता के पास बठिंडा चला गया था। पिता से सिलाई का काम सीखने के बाद तीन साल पहले पिता की मौत होने के बाद उसने परिवार का कार्य संभाला।
इतना ही नहीं उसके चाचा और चचेरा भाई भी रायवाला कैंट में यही कार्य करते हैं। सेना की पोशाक सिलकर ही परिवार की तीन पीढ़ियों की रोजी-रोटी चल रही थी। रकीब ने अपने देश और रोजी-रोटी के साथ ही पिता और दादा से मिले हुनर से भी दगा किया। रकीब ने जो किया उससे उसके परिवार की तीन पीढ़ियों की साख पर बट्टा दांव पर है। साथ ही सैन्य छावनियों में कार्य कर रहे परिवार के बाकी सदस्यों के लिए भी कई मुश्किलें खड़ी हो गई हैं।
रकीब के परिवार में उसकी पत्नी और दो बच्चे हैं। इनमें एक बेटा चार और बेटी की उम्र तीन वर्ष है। रकीब के माता-पिता की तीन साल पहले मौत हो गई थी। रकीब और उसके पांचों भाई डोसनी गांव स्थित पुश्तैनी मकान में रहते हैं। पांचों भाई पंजाब, राजस्थान व उत्तर प्रदेश में रहते हैं। उनके पत्नी और बच्चे डोसनी में ही रहते हैं। रकीब और उसके भाई परिवार से मिलने के लिए अक्सर गांव में आते-जाते रहते हैं।
कीब की गिरफ्तारी के बाद गांव के लोग हैरान हैं। हालांकि कोई भी मामले में खुलकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। लोगों का कहना है कि 10 -12 वर्षों से वह बठिंडा में रहकर काम कर रहा था। अक्सर गांव में आता रहता था लेकिन उसे देखकर कभी ऐसा नहीं लगा कि वह देशविरोधी कृत्य कर रहा होगा। वहीं, पुलिस सूत्रों के अनुसार, उसके परिवार की किसी प्रकार के आपराधिक इतिहास की कोई जानकारी अब तक सामने नहीं आई है।
रकीब की गिरफ्तारी के बाद बुधवार को डोसनी गांव स्थित उसके घर पर सन्नाटा पसरा रहा। घर के दरवाजे बंद रहे और घर की महिलाओं और बच्चों ने किसी से संपर्क नहीं किया। घर के पुरुष सदस्य से पुलिस पूछताछ करती रही। इस दौरान पड़ोसियों ने भी अपने दरवाजे बंद ही रखे। बठिंडा सैन्य छावनी की जासूसी कर सैन्य सूचनाएं पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव नंबरों पर भेजने के आरोप में गिरफ्तार डोसनी गांव निवासी रकीब के परिवार के तीन सदस्यों से खुफिया विभाग और पुलिस पूछताछ कर रही है। इनमें उसका भाई भी शामिल है। वह अमृतसर में सेना के कपड़ों की सिलाई का काम करता है।
पंजाब के बठिंडा में सैन्य छावनी में सैन्यकर्मियों की वर्दी की सिलाई करने वाले रकीब निवासी ग्राम डोसनी कोतवाली लक्सर के जासूसी कर सैन्य सूचनाएं पाकिस्तानी नंबरों पर भेजे जाने के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद पुलिस और खुफिया विभाग हरकत में आ गया है। विभागीय अधिकारियों ने रकीब के परिवार के संबंध में जानकारी जुटाने के साथ ही उसके सगे और चचेरे भाई सहित परिवार के तीन सदस्यों से पूछताछ की है।
रकीब का भाई भी अमृतसर में सेना की वर्दी सिलाई करने का काम करता है। वह एक दिन पहले ही अमृतसर से घर लौटा था। उसका चचेरा भाई अपने पिता के रायवाला में काम करता है। भतीजा लंढौरा में सैलून चलाता है। सूत्रों के अनुसार, पुलिस और खुफिया विभाग उनसे रकीब के क्रियाकलापों और उसके संपर्क में रहने वाले लोगों के संबंध में जानकारी जुटा रहा है। परिवार के सदस्यों के मोबाइल फोन के डेटा और कॉल रिकार्ड आदि की भी जांच की जा सकती है।
सैन्य सूचनाओं से संबंधित होने के कारण मामला संवेदनशील है। स्थानीय पुलिस अपने स्तर से गिरफ्तार आरोपी के परिजनों से जानकारी कर रही है। – शेखर चंद्र सुयाल, पुलिस अधीक्षक देहात